दीर्घतमा बाबा साहेब आंबेडकर की चेतावनी
एल आर गांधी
संविधान दिवस पर दोनों सदनों में सभी दलों के नेता -अभिनेता खूब बतियाए और दीर्घतमा बाबा साहेब आंबेडकर को भी खूब याद किया , मगर देश के बंटवारे और असहिष्णुता पर व्यक्त उनके विचारों और अपेक्षित खतरों पर किसी भी नेता ने एक शब्द भी नहीं बोला ..... कारण वही ! वोट बैंक !
इस वोट बैंक जिसके कारण देश का बंटवारा हुआ और देश ही नहीं पूरे विश्व पर आतंकवाद के कारण आज फिर से विश्व युद्ध का काला साया मंडरा रहा है ...... पर बड़े स्पष्ट शब्दों में दीर्घतमा बाबा साहेब आंबेडकर ने हम सब को सचेत किया था।
"मुसलमान सुधार विरोधी मनोवृति के लोग हैं। लोकतंत्र का प्रभाव उनके स्वभाव में तिलभर भी नहीं। उनके लिए उनका मज़हब ही सर्वोच्च है। योग्य धर्म केवल इस्लाम है। गैर मुस्लिम के प्रति द्वेष और तिरस्कार। एक मुसलमान की निष्ठा मुसलमानो वाले राष्ट्र पर रहेगी। शासक यदि मुसलमान नहीं तो उनकी दृष्टि में वह दुश्मन का राज्य है। सच्चे मुसलमान के लिए भारत को अपनी मातृभूमि मानने और हिन्दुओं को अपना भाई बंधू मानने का इस्लाम में कोई मौका नहीं। आक्रामक मनोवृति मुसलमानों की प्रकृति में ही विद्यमान है। हिन्दुओं की दुर्बलता का लाभ उठा कर गुंडागर्दी करना उनका स्वभाव है " .
एल आर गांधी
संविधान दिवस पर दोनों सदनों में सभी दलों के नेता -अभिनेता खूब बतियाए और दीर्घतमा बाबा साहेब आंबेडकर को भी खूब याद किया , मगर देश के बंटवारे और असहिष्णुता पर व्यक्त उनके विचारों और अपेक्षित खतरों पर किसी भी नेता ने एक शब्द भी नहीं बोला ..... कारण वही ! वोट बैंक !
इस वोट बैंक जिसके कारण देश का बंटवारा हुआ और देश ही नहीं पूरे विश्व पर आतंकवाद के कारण आज फिर से विश्व युद्ध का काला साया मंडरा रहा है ...... पर बड़े स्पष्ट शब्दों में दीर्घतमा बाबा साहेब आंबेडकर ने हम सब को सचेत किया था।
"मुसलमान सुधार विरोधी मनोवृति के लोग हैं। लोकतंत्र का प्रभाव उनके स्वभाव में तिलभर भी नहीं। उनके लिए उनका मज़हब ही सर्वोच्च है। योग्य धर्म केवल इस्लाम है। गैर मुस्लिम के प्रति द्वेष और तिरस्कार। एक मुसलमान की निष्ठा मुसलमानो वाले राष्ट्र पर रहेगी। शासक यदि मुसलमान नहीं तो उनकी दृष्टि में वह दुश्मन का राज्य है। सच्चे मुसलमान के लिए भारत को अपनी मातृभूमि मानने और हिन्दुओं को अपना भाई बंधू मानने का इस्लाम में कोई मौका नहीं। आक्रामक मनोवृति मुसलमानों की प्रकृति में ही विद्यमान है। हिन्दुओं की दुर्बलता का लाभ उठा कर गुंडागर्दी करना उनका स्वभाव है " .
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