गुरुवार, 10 सितंबर 2015

दिल तो बच्चा है जी

दिल तो बच्चा है जी 

   एल आर गांधी 

शहज़ादे के गुरु   .... राजनीती के वाक् -गुदम   … रियासत के राजा  .... दिग्गी राजा  को आखिर अपनी मस्तुरात मिल ही गई  .... ४४ वर्षीय  अमृता अब ६८ के उम्रदराज राजा के मरुथल में अपने प्यार की अमृत धारा प्रवाहित करेंगी  …सच में राजा साहेब  बेहद अकेले पड़ गए थे  .... जब उनकी प्रिय आशा उन्ही के ६६ वे बसंत पर उन्हें एक पुत्र ,४ पुत्रियां और अनेकों पोते -नातियों के बीच 'अकेला ' छोड़ गई !
यूं तो राजा साहेब ने १९७७ में जब वे मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री थे ,कथित तौर  पर एक युवा कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा से दिल लगाया था  …राजा साहेब की बेरुखी से बेज़ार  बेचारी  मिश्रा ख़ुदकुशी का बैठी  .... 
अमृता ठहरी पत्रकार  .... राजा साहेब की रग -रग से वाकिफ ! जब एक पत्रकार ने अमृता से संबंधों पर से झीनी चुनरिया उठाई तो दिग्गी मियां 'बिफर 'गए  .... बोले तुझे तो कोर्ट में देखूंगा  .... पत्रकार भाई ने जब राजा साहेब और अमृता के अंतरंग चित्र दिखाए तो 'गुदम ' की मानिंद उलट गए  .... हम हम कोई मोदी हैं ! जो सच को छुपाए ! प्यार किया तो डरना क्या !
दिल तो बच्चा है जी  .... चाहे आठ माह का बच्चा हो, जो अपनी माँ  के आँचल में सकून पाता है या फिर ६८ की उम्र का दिग्गी मियाँ कोमलांगी का साथ तो हर आयु  में अमृत सा आनंद देता है 
महाकवि बाल्मीकि जी ने रामायण में 'रावण के मुंह से कहलवाया है !
वासना की अग्नि को मैं जितना शांत करता हूँ  .... वह उतनी ही भड़कती है