बुधवार, 27 अप्रैल 2016

सँगोरा गांधी

सँगोरा  गांधी 

एल आर गांधी 


भई  हाज़मा हो तो ऐसा  ..... यह सब हाजमोला का कमाल है ,जो इटली में नहीं मिलता ! तभी तो !अगस्ता उड़नखटोलों की खरीद में , खिलाने वाले इटली की वातानुकूलित जेल की ठंडी हवा खा रहे हैं  ...... और हमारे यहाँ खाने वाले 'डकार ' तक नहीं ले रहे।  एक -दो नहीं पूरे पांच नाम उजागर हो गए  ....  न खाएंगे और न खाने देंगे का सिंघनाद करने वाले 'सो ' रहे।  जाग कर भी क्या कहेंगे  .... यहाँ तो जेल का फाटक सत्ता के गलियारों में खुलता है  .... देख लिया लालू जी का अंजाम  ... बिहारिओं ने किंग मेकर बना डाला।  
इंदिरा जी को भी जेल की हवा इसी मानिंद माफिक आई थी  ..... इन्डियन वोटर उस भिकारी के समान है जिसकी अपनी कोई च्वाइस नहीं होती  ...सब बिकता है !
पांच नामों में राजमाता का भी नाम है  .... इतने सालों में यह इतालवयन भारतीय राजनीती के सभी हथकंडों में खूब माहिर हो गईं हैं  .... कांग्रेसी इसे एक स्वर्णिम अवसर की भांति देख रहे हैं  .... 
कल टकसाली कांग्रेसी 'चोखी लामा' से जब हमने  पूछा  ...लामा जी अब तो इटली ने भी आपकी मैडम को घूस -खोर साबित कर दिया ! लामा तपाक से बोले  ..... मियां अखबार ज़रा गौर से पढ़ो !   सँगोरा गांधी लिखा है। 

शनिवार, 23 अप्रैल 2016

सैकुलर शैतान -वोट बैंक प्रधान



सैकुलर शैतान बिहारी बाबू के निज़ाम का एक विचित्र रूप यह भी है   .... आरा नगर निगम ने हनुमान जयंती के पवित्र पर्व पर ४. ३३ लाख की  वसूली का  कानूनी नोटिस ' हनुमान कुमार वल्द पवन कुमार हाल मुकाम आरा ' जारी कर दिया  ...... नोटिस में साफ़  किया गया कि १५ दिन में कर अदा न किया गया तो कर वंचना की होर्डिंग लगा दी जाएगी।  मुगलई टोपी पहिन कर सियासी जलसों में खुद को 'सेकुलरिज़्म '  का  अलम्बरदार दर्शाने वाले मियां नतीश का नकाबपोश चेहरा बेनकाब हो गया।
दूसरी ओर  सबको चोर और खुद को सत्यवादी हरिश्चन्द्र जी का साला कहने वाले दिल्ली के नवाब मियां केजरीवाल जी का 'चोर चोर चचेरे भाई ' का रूप देखिये। यूँ तो दिल्ली का बिजली विभाग बिल आदयगी की कोताही पर किसी भी 'मुफलिस' का कनेक्शन काट देता है।  मगर मुगलिया टोपी धारी वोट बैंक की बात आती है तो जनाब की खांसी को लकवा मार जाता है !
बरसों से ज़ामा मस्जिद के इमाम साहेब ने बिजली का बिल नहीं भरा।  बकाया ४ करोड़ का आंकड़ा पार कर गया  .... है किसी में हिम्मत कि कोई नोटिस चस्पा कर दे  ....  ....... के नाम की  होर्डिंग लगा दें  ! दंगे हो जाएंगे ?
वक्फ बोर्ड और इमाम मस्जिद की मलकीयत पर 'भिड़े' हैं  .... इधर इम्माम जो की रिकार्ड में वक्फ बोर्ड के वैतनिक कर्मचारी हैं , अड़े हैं  ...मलकीयत दो तो बिल भरूंगा ! दूसरी ओर वक्फ बोर्ड अड़ा है , कब्ज़ा छोड़ो , बिल तो हम दे देंगे।  मज़े की बात यह है कि वक्फ बोर्ड पर भी चंद मस्जिदों का २ करोड़ का बिजली बिल बकाया है !

गुरुवार, 21 अप्रैल 2016

बेचारी मुफलिस राजकुमारी

 बेचारी मुफलिस राजकुमारी

       एल  आर  गांधी

राज परिवार की एक मात्र राजकुमारी  किराए के सरकारी मकान में मुफलिसी की जिंदगी गुज़ारने को मज़बूर है , हो भी क्यों न ! एक गरीब देश के हाकिम देश की गरीबी मिटाने  में मशगूल रहे , अपने बच्चों के लिए कहाँ वक्त था उन्हें 'बापू' की माफिक ! प्योर गांधी वादी जो ठहरे।
सरकार ने परिवार की कुर्बनिओं को 'गौर ' से देखते हुए 'राजकुमारी को राजधानी के  लुटियन जोन में एक सरकारी बांग्ला महज़ २,७६५ स्क्वेअर मीटर में सिमटा अलाट कर दिया और किराया ५३,४२१ रुपैया। मगर मुफलिस राजकुमारी मात्र  ८८८८ रूपए ही दे पाई।
आखिर बेचारी राजकुमारी ने उस वक्त के  पी एम अटल बिहारी वाजपाई को 'गुहार ' लगाई की इतनी भारी भरकम किराए की रकम अदायगी उसके 'बूते' की नहीं है।  वाजपई जी ने 'परिवार ' की कुर्बानियों पर गौर फ़रमाया और ज़िंदा शहीद बिट्टा जी ,पंजाब में आतंकवाद से लोहा लेने वाले गिल साहेब और कांग्रेस भक्त अश्वनी की भांति राजकुमारी जी का किराया भी उनकी मांग और हैसियत के अनुसार कम  कर दिया। वाजपेई जी ने भी नेहरू परिवार की 'कुर्बानियों ' के आगे 'नेताजी सुभाष चन्द्र बॉस बोस  और आज़ाद हिन्द फौज को कोई तवज़्ज़ो नहीं दी !
वैसे आज राजकुमारी के सरकारी बंगले का   मार्किट रेट  ८१,८६५ /- प्रति माह  है।
जिस प्रकार अंग्रेज़ों की समर राजधानी हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला थी उसी प्रकार नेहरू परिवार की राजकुमारी ने भी अपने लिए शिमला के निकट समर हॉलिडे 'आशियाना ' निर्माण के लिए २००७ में महज़ ४७ लाख रूपए में १ एकड़ (4.२५ बीघा ) का प्लाट ख़रीदा , जिसकी कीमत ५ साल पूर्व सवा चार करोड़ थी।  मगर राजकुमारी अपने इस समर आशियाने से संतुष्ट नहीं  .... उनको इसका डिज़ाइन पसंद ही नहीं आ रहा।  इसे बार -बार बनाया और गिराया जा रहा है  ....... अल्लाह करे जल्द ही राजकुमारी के सपनो का समर महल  बन कर तैयार हो जाए और नेहरू परिवार की 'लाड़ली' किराए के कलंक से गर्मियों में ही सही निज़ात पा सकें !

बुधवार, 20 अप्रैल 2016

कांग्रेस का हाथ 'ददुआ ' के साथ !

कांग्रेस का हाथ 'ददुआ ' के  साथ  !

          एल आर गांधी

इंदिरा जी किसी स्कूल -कालेज में नहीं जा पाईं ,शायद नेहरू जी के पास अपनी प्रियदर्शनी को  किसी विद्यालय में दाखिला करवाने का 'वक्त ' ही नहीं था - देश की भारी भरकम पञ्च वर्षीय योजनाओं से फुर्सत ही कहाँ थी ?
अपने इस अधूरे सपने को इंदिरा जी ने पूरा करने की ठानी  .... साल १९७६ में  अपने कर्म क्षेत्र रायबरेली में एक कालेज , अपनी माँ कमला नेहरू जी के नाम पर खुलवाने की 'घोषणा' कर के  .... लखनऊ -इलाहाबाद हाइवे -सिविल लाइन के चौराहे पर।  कमला नेहरू एजुकेशन सोसाइटी  को ५ बीघा भूमि कॉलेज के नाम पर अलाट कर दी गई !
इंदिरा जी गए ! राजीवजी आए। ...  और चले गए  अब सोनिया जी का जमाना है  ..... सोनिया जी को भी यह कसक रही कि वह भी किसी स्कूल-कालेज का दीदार नहीं कर पाई  .... २००४ में रायबरेली की एक चुनाव सभा में कांग्रेसी 'हाथ' उठा कर 'सिंह-नाद ' किया  ' गांधी परिवार' के सपनों को पूरा किया जाएगा !
 वैसे तो वह वायदा ही क्या  ... जो वफ़ा हो जाए  .... मगर राजमाता के खासमखास  कमला नेहरू सोसाइटी के सचिव सुनील देव हवाई घोषणाओं को सीरियसली ले बैठे  ... आनन-फानन में अरबों की नेहरू सम्पति को बीच चौराहे नीलाम कर दिया और वह भी 'कुख्यात डाकू ' ददुआ की भौजाई के हाथों , महज़ ९. ३०  करोड़ के औने -पौने दामों में।
इसे कहते हैं 'कांग्रेस का हाथ 'ददुआ 'के साथ  !