रविवार, 21 नवंबर 2010

तोहमतें आंएगी नादिरशाह पर , आप दिल्ली रोज ही लूटा करें !!





तोहमतें आंएगी नादिरशाह  पर , 
आप दिल्ली रोज ही लूटा करें  !!
          एल.आर.गान्धी 

लुटना हमारा 'राष्ट्रिय व्यसन' है - हम लुट्ने को तैयार  बैठे हैं बस लूटने वाला चाहिए -इतिहास गवाह है ?
मुहम्मद गज्नी ने हमें १९ बार लूटा -नादिर शाह ने  दिल्ली के बादशाह मुहम्मद शाह रंगिला से हिन्दुस्तान से लूटी  हुइ दौलत में से २५ लाख रुपये की मांग की और एवज़ में हीरे-मोति जडित मायूर सिंहासन और कोहेनूर हीरा  ले उडा . अह्मद्शाह दुरानी उर्फ अहमद शाह अब्दाली ने भी ८ हमले किए ...इन्सानियत का खून बहाया और लूटा भी. अब हमारे मिडिया के महारथी इस गलत फहमी में न रहें कि उस जमाने में 'खबरी 'कहाँ थे ? सिर्फ वे ही आज के 'राजा' के बिचौलिए हैं. उस वक्त की लूट में शोलापुरी बेगम और मुग्लानी बेगम ने शाह की दिल्ली लूट में 'खबरी' की भूमिका ब्खूबी निभाई और इनाम भी पाया. इन् खाब्रियों की निशान्देही पर शाह ने अमिर खान और कम्रुदीन खान की औरन्ग्ज़ेब के समय से हिन्दुस्तानियों से लूटी गइ ७० साल की कमाइ पर हाथ साफ कर दिया.शाह ने ३० करोड की लूट की जिसे २८००० हाथी, ऊँट , बैल गाड़ियो-छकड़ों आदि पर लाद अफगानिस्तान  ले गया.२०० ऊंटों पर तो दिल्ली दरबार से निकाह कर लाइ गइ बेगमात का ही समान था. मज़हब के नाम पर ७वि सदि से हिन्दुस्तान को लूटा गया और इस्लाम के नाम पर अनगिनत  काफिरों  (हिन्दुओ) की हत्या कर दी गइ और यह सिलसिला आज भी बदस्तूर जारि है. लूटा तो अन्ग्रेज़ों ने भी मगर आधुनिक भारत में वैज्ञानिक प्रगती में उनकी रेल ,डाकघर और शिक्षा की देन भी है,जिस से देश एक जुट हो कर आजादी के संघर्ष में कूद गया. 
आजादी के बाद भी लुट्ने का यह राष्ट्रिय 'व्यसन'  पूर्वतय जारी है.  पाक ने हमारे कश्मीर की  ३५% भूमि पर कब्जा कर लिया और सरकार ने पाक को देय ५० करोड रुपये पर रोक  लगा दी.  हमारे या फिर पाक के 'बापू'  की जिद के आगे सरकार हार गइ और ५० करोड पाक को दे कर हमने एक स्थाई  शत्रु पाल लिया( आज यह रकम १२ अरब ५० करोड़ बनती है)..... .आजाद भारत के पहले 'लुटेरे' होने का गौरव मिला- कृष्ण मेनन को जब जीप घोटाले में ८० लाख की लूट हुइ आज यह रकम २ अरब रुपये बनती है. और इसे अब तक देश का सबसे बड़ा घोटाला होने का श्रेय प्राप्त है. . तब भी संसद में हंगामा हुआ . मगर विपक्ष की आवाज में उतना दम नहीं था. नेहरु जी देश को अपने बाप दादा की जागीर मानते थे- कृष्ण मेनन को सजा तो क्या उल्टा देश का रक्षा मन्त्री बन डाला. नतिजा ? चीन से हमे शर्मनाक हार झेलनी पडी और हजारों मील हमारी भूमि आज भी चीन के कब्ज़े में है.एक भ्रष्ट मित्र की ब्दौलत नेहरु त्रासद अंत को प्राप्त हुए.
पिछ्ले ५ दशक से हमारे सत्ताधारी 'धृत राष्ट्र ' नेहरु जी की 'लुटो-लुटाओ' राष्ट्रिय नीति का अनुसरण करते आ रहे हैं . इन्दिरा जी ने पाक को दो फाड तो किया मगर उसकी कीमत आज की पीढी को अदा करनी पड रही है. देश की अर्थव्यवस्था तो चौपट हुइ सो हुइ मगर करोड़ों बंगला देशी भारत में घुस आए सो अलग . एक नया दुश्मन हमारे जी का जन्जाल और बन गया है. नेहरु जी के 'राज्दौत्र' राजीव जी को आखिर ज्ञान प्राप्त हुआ कि केन्द्र से 'पाँच वर्षीय योजनाओ के लिए भेजा गया रुपया आम आदमी तक पहुंचते  पहुंचते  मात्र १०-१५ पैसे ही रह जाता है.बाकी के पैसे तो 'भ्रष्ट तन्त्र' की जेब में ही पहुँच जाते हैं. बोफ़र काण्ड पर राजीव को हार का मुंह देखना पडा, मगर बोफ़र का दलाल कत्रोची आज भी कानून के लम्बे पर बंधे हाथों से दूर है. सुख राम के संचार घोटाले पर पर्देदारी का ही परिणाम है की आज ' राजा' का संचार घोटाला १,७६,६४५ करोड की उचाईयाँ  छू रहा है और नेहरु की पादुकाओं  में विराजमान मनमोहन जी - गान्धी जैसा मौन व्रत धारण किए बैठे हैं. देखो !  सर्वोच् न्यायालय सिंह साहेब का मौन व्रत तुड्वा पाता है या .......                
 देश का ६६००० अरब रुपया स्विस बैंकों में पहुँच गया. घोटालों की माँ २ जी  स्पेक्ट्रम १,७६,६४५ करोड गटक गइ. घोटालों का बाप योजना कार्यान्वन असफलता से अतिरिक्त खर्च १,१६,७२४ करोड की उचाईया छू रहा है और जवाब देही किसी की भी नहीं  ? खेल 

खेल में कल्माड़ी जी ७०० करोड के खेल को ७६ हजार करोड तक खेल गए . जांच जारि है मगर जनता को पूरा विश्वास है की आंच किसी पर नहीं अयेगी. आदर्श भ्रष्टाचार के प्रतीक अशोक चवन मुम्बई के सिंहासन से उतरे हैं तो दिल्ली के सिंहासन पर आरूढ़ हो जायेंगे. उनके अनुभव का फायदा अब केन्द्र सरकार उठाएगी .
जब तक कोइ नया घोटाला नहीं होता तब तक मिडिया इन् पुराने घोटालों पर लिपा पोती से अपनी टी. आर.पी  चमकायेगा और मिडिया के 'बिचौलिए' श्रीमान -सूश्रियाँ खाएंगी भी और बतियाएँगी  भी .. इसे कहते हैं बगुला भक्ति !!!!!!