सोमवार, 29 फ़रवरी 2016

मत कर अड़ियाँ साकी ....

मत कर अड़ियाँ साकी  ......

 एल आर गांधी

नशों में डूबा पंजाब अब पाकिस्तान को 'दूध' पिलाएगा  ....    हम पंजाबी किसी का क़र्ज़ या उधार अपने सर बकाया नहीं रखते  .... हुआ यूँ कि हमारे यहाँ प्रति पंजाबी प्रति दिन ९९३ ग्राम दूध का उत्पादन होने लगा है   ... अब हमारे 'गबरू 'तो दूध पीने के आदि नहीं रहे ! भला हो हमारे पडोसी का जिसने उन्हें 'हीरोइन ' जैसे खूबसूरत नशों की लत लगा दी  ... लत भी इस कदर कि पंजाब के ७५% 'मुंडे  नशेड़ी हो गए  .... ५५३ की :मी : बार्डर से रात दिन ड्रग्ज़ की सप्लाई जारी है  ... रही सही कसर हमारे कैमिस्ट वीर पूरी कर देंदे नें !
सांप को दूध पिलाने की हमारी बहुत पुरानी रिवायत है  .... रिवायत भी युगों पुरानी ! हमारे पूर्वज़ सोम रस के रसिया थे  .... अफगानिस्तान में सोम लता की खेती बहुत थी और वे बड़े बड़े कलशों में सोम रस लाते और यहाँ से 'गो-धन ' हाँक ले जाते  .... किसी ने सोम लता की खेती करने की नहीं सोची  .... अब खैर हमारे राजनेता बहुत व्यवहारिक और चतुर हो गए हैं  ... उनकी कृपा से पंजाबी ' सोम -स्पिरिट 'गटकने में नंबर एक पर हैं  ....हमारी सरकार ही इस मुई स्पिरिट के सहारे  चल रही है - भले ही लड़खड़ा कर ! २०१४ में सरकार ने अपने पंजाबी गबरुओं को ३३. ६३ करोड़ बोतलें पिलाने का 'टिच्चा ' निश्चित किया था  ..... और हमारे नशेड़ी भाई चंडीगढ़ की भी गटक गए और बेचारे आंकड़ेबाज़ इस का श्रेय चण्डीगढ़ीओं के माथे मढ़ रहे हैं कि बाबू लोग औसतन पउआ रोज़ गटक जाते हैं - साथ में महिलाएं भी ! पंजाबीओं के मदिरा प्रेम को देखते हुए , हमने शराब को पंजाब का छटा दरिया का नाम दिया था  .... अब ड्रग्ज़ को क्या 'नाम' दें  .... ५ में से ३ दरिया तो पाक ले गया और हमारे २ सूखने के कगार पर हैं।
हमारे राजनैतिक आकाओं की कृपा और सहयोग से लगभग ६००० करोड़ का ड्रग रैकेट पूरी मुश्तैदी से चल रहा है  ... और इस पर भी हम पाक बार्डर पर धरना देते हैं !
मेरा मुंसिफ ही मेरा कातिल है
क्या मेरे हक़ में फैसला देगा !!!!!