शनिवार, 4 फ़रवरी 2012

चोर चोर चचेरे भाई

चोर चोर चचेरे भाई 
   एल.आर.गाँधी 

अमेरिका ने अपने देश का काला धन स्विस बैंको में जामा करवाने वालों और जमा करने वाले स्विस बैंको पर कार्रवाही शुरू कर दी है . अमेरीकी सरकार ने ऐसे स्विस बैंकों को देश के टैक्स चोरों का मददगार मानते हुए ..स्विस के सबसे पुराने बैंक के खिलाफ कार्रवाही करते हुए ...स्विस बैंक वेग्लिन एंड कंपनी के अमेरिका में मौजूद खातो के करीबन ७८ करोड़ रूपए ज़ब्त किये हैं. 
इससे बिलकुल उल्ट हमारे 'बंगाली बाबू' स्विस बैंको के साथ चोर- चोर चचेरे भाई का खेल खेल रहे हैं. एक ओर जहाँ देश के चोरों का नाम उजागर करने को तैयार नहीं तो दूसरी ओर स्विस सरकार के साथ गत वर्ष जून में एक संधि की जिसमें देश के स्विस खाता धारियों के नाम उजागर करने पर एक प्रकार का प्रतिबन्ध लगा दिया गया है. बंगाली बाबू ने बड़ी चालाकी से इस संधि में 'नए' खाताधारियों के नाम उजागर करने का प्रावधान जरूर किया है. जाहिर है इस संधि से 'बंगाली बाबू' ने अपनी राजमाता और उसके परिवार के स्विस खातों में पड़ी अकूत धनराशी को किसी की नज़र न लगे का जुगाड़ कर दिया है. इसके साथ ही अपने चोरों को स्विस बैंको में पड़े काले धन को 'खुर्द बुर्द' करने का पर्याप्त समय और अवसर भी दे दिया. जून में ही 'राजमाता-राजकुमार' अपने दस ख़ास गुर्गों के साथ निजी विमान में स्विस्त्र्लैंड भी हो आए है. ..राजकुमार ने तो अपना 'हैपी बर्थ  डे' भी वहीँ मनाया. .. और हमारे दिग्गी मिया उनके जन्म दिन पर ... यंहीं से कसीदे पढ़ते रहे.... तुम जियो हजारों साल, साल के दिन हों २.५ बिलियन $...अल्लाह ' स्वामी ' की बुरी नज़र से बचाए !
विश्व विख्यात पोल-खोल विक्किलीक्स जुलियन आसंजे की माने तो २००० हजार भारतीय चोरों के खाते स्विस बैंकों में हैं और उन्होंने तो पहली किश्त भी जारी कर दी.,लिस्ट में शीर्ष पर नाम स्वर्गीय राजीव गाँधी जी  का है ... और साथ में  शरद  पवार , करूणानिधि , लालू ,राजा और कलमाड़ी का भी नाम है.
फिलहाल तो हमारे राज कुमार 'माया की माया' के पीछे हाथ-पैर-मूंह ' धो कर पड़े हैं... ऐन चुनाव से पहले माया के खासम-ख़ास पोंटि चड्डा के ठिकानों पर छापे मार कर आय कर विभाग अपनी कार्य कुशलता पर इतरा रहा है .. सफ़ेद पोशों का कहना है की मदिरा के व्यापारी पोंटि चड्डा के माध्यम से ही माया ने यू.पी को पांच साल लूटा है. ..वाह भई.. अब याद आई है. जब माया जी केंद्र में आपके साथ गलबहिया थी तब पोंटि कहाँ था. ..आय कर अधिकारीयों की 'समय सूझ' भी कमाल की है.. पंजाब के मतदान ख़त्म होने की 'उडीक' थी .. क्यों. ? क्योंकि यह वही पोंटि चड्डा है जो कभी कांग्रेस के 'महाराजा' का खासम- खास था ... उनके राज में पंजाब में 'दारू' के सभी ठेके इनके ही पास थे... दारू- कीनू और न जाने क्या क्या के दाम यही पोंटि निश्चित करता था... दारु- दासियों    की बद्द्दुआ लगी और 'महाराजा' हार गए और पोंटि जी माया जी की शरण में जा विराजे.. यदि इस बार 'महाराज' का फिर दाव लग गया तो पोंटि जी पंजाब को दारू पिलाएंगे.