सोमवार, 7 सितंबर 2009

जसवंत का सेकुलर शैतान


जसवंत के जिन्ना की आज खूब चर्चा है -सेकुलरवादी पत्रकार ,टी वीचैनल ,अखबारों और औट्लूकटाईप रासलानावीस खूब भारत की भोली भाली जनता को समझाने में लगे है की कैसे अभिविताक्ति की स्वतंत्रता का कैसे हिंदूवादी पार्टी ने गला काट दिया है और मोदी ने तो हद ही कर दी - बिना पढ़े जिन्ना के जसवंत पर बैन लगा कर लेखक के मौलिक अधिकारों का हननंकर डाला । पत्रकार बिरादरी का जिन्ना प्रेम देखते ही बनता है - जनाब ये वाही जिन्ना है जिसने देश को दो कौमों -दो मुल्कों में बांटा । जब गांधीजी इश्वर अल्लाह तेरे नाम का संदेश दे रहे थे -जिन्ना की डायरेक्ट एक्शन की एक काल पर जिन्ना के शैतानों ने कलकत्ता शहर में पांच हजार से अधिक निर्दोष हिन्दुओं को एक दिन में काट डाला।


किताब से बैन हटाने पर कोर्ट के फैसले पर खूब तालिया पीटी गई । किताबें तो पहले भी बैन हुई और वेह भी बिना पढ़े -रश्दी साहेब की शैतान की आयतें बैन हुई बिना पढ़े -किसी भी सेकुलरवादी पत्रकार ,टी वी चेन्नल या रासलानावीस का ऐसा मजमा नहीं देखा . एक लेखिका दर दर भटक रही है ,पहले अपनी कॉम ने देश निकाला दिया फ़िर सेकुलर वामपन्थिओं ने दुत्कारा अब भारत की महान सेकुलर सरकार ने गत दिनों उसका रिहायशी परमिट इस शरत पर नवीकृत किया है की चुपचाप सेकुलर भारत से भाग जाए । किसी टी वी चेन्नल ,समाचार पत्र (एक को छोड़ कर)ने नोटिस तक नहीं लिया -कहीं शैतान के बन्दे -जिन्ना के पैरोकार नाराज न हो जाएं । क्या इंडिया दैट इज भारत एक इस्लामिक मूलक है ।