रविवार, 29 दिसंबर 2013

मिशन ज़ेहाद -ऐ -जनसैलाब

मिशन ज़ेहाद -ऐ -जनसैलाब 

     एल आर गांधी


चीन ने ' एक बच्चा 'नीति को सफलता  पूर्वक लागू कर तीन दशक में अपनी जनसँख्या पर नियंत्रण पाने में अभूतपूव सफलता दर्ज़ की है  . इस दौरान ४० करोड़ बच्चों के जन्म पर अंकुश  में सफलता मिली  . अब इस निति से प्रभावित  नागरिकों को सुविधा - छूट की   तैयारी में है। जिस दंपत्ति की एक मात्र संतान की मृत्यु हो गयी और पत्नी की आयु ४९ वर्ष से अधिक है , को ३५०० रूपए प्रति माह मुआवज़ा दिया जाएगा  । इसके इलावा  जो दम्पति इकलौती संतान थे उन्हें दो बच्चे पैदा करने की छूट होगी  . 
जनसँख्या नियंत्रण की इस चीनी नीति के परिणाम अब साफ़ दिखाई देने लगे हैं. चीन एक विश्व शक्ति के रूप में उभर कर विश्व पटल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है. 
चीन की इस सफलता से प्रेरित हो भारत के सबसे साक्षर प्रदेश केरल ने भी अपने यहाँ जनसँख्या के सैलाब पर अंकुश लगाने का एक असफल प्रयास किया. सर्वोच्च  न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में बच्चो और महिलाओं के कल्याण आयोग के अंतर्गत एक समिति बनाई गई. समिति की सिफारिश पर २ बच्चो से अधिक पैदा करने वाले दंपत्ति को सरकारी सुविधाओं से वंचित करने के साथ साथ १०००० रूपए जुर्माना या तीन माह की कैद का प्रावधान सुझाया गया.       
भनक  लगते  ही देश को जन सैलाब की दलदल में धकेलने में संलग्न राष्ट्र विरोधी तकते लामबंद होने लगी . केरल के  विदेशी मिशनरी विरोध में उठ खड़े हुए और इस क़ानून को ईश्वर के काम में दखल कह कर खारिज कर दिया. करें भी क्यों न ...भारत में गरीबों की बढती फौज ही उनके उदेश्य की पूरक है जितनी अधिक गरीब जनता होगी उतनी ही विदेशी सहायता इन मिशनरियों को अधिक से अधिक इसाई धर्मांतरण के लिए मिलेगी .चर्च के दलाल , इसाई मिशनरी लोगों को शादी के बाद अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने की शिक्षा और दीक्षा प्राथमिकता से देते हैं. फिर प्रलोभन दे कर इन्हें धर्मांतरण के लिए तैयार करते हैं. भारत को दारुल उलूम से दारुल इस्लाम बनाने के जेहाद में सक्रीय मौलवी कब पीछे रहने वाले हैं....एक मियांजी ने तो ऐलान कर दिया की छटा बच्चा पैदा करने वाले मुस्लिम मियां बीवी को १०००० रूपए इनाम दिया जाएगा . मौलवियों की शह पर मुस्लिम कट्टरपंथी लामबंद होने लगे... तो देश के  जन्म-मृत्यु मंत्री मियां गुलाम नबी आज़ाद को सेकुलर सिंहासन डोलता दिखाई देने लगा. केरल के ४३% अल्पसंख्यकों को कैसे नराज़ किया जा सकता है. फ़ौरन पहली उड़ान से केरल पहुंचे और उमान  चाँदी को झाड पिलाई और हुकम दिया की  परिवार नियोजन के नए कानून को पैदा होने से पहले ही मौत की नींद सुला दिया जाए. देश जनसँख्या के सैलाब में डूबता है तो डूबे....हमारे बाप का क्या जाता है. 
तुष्टिकरण और सत्तालोलुप इन राजनेताओं की कृपा से शीघ्र ही हम जनसँख्या में चीन को पीछे छोड़ जाएंगे . २०२५ आते आते सर्वाधिक जनसँख्या में हम नंबर एक होंगे....वैसे अब भी हम सघन जन-संख्या के हिसाब से चीन से कही आगे हैं. चीन के पास विश्व की ६.४ % भूमि के पीछे १९.५२ % आबादी है, जबकि हमारे  पास १७.२६% आबादी के पीछे मात्र २.१ % भूमि है . इस परकार हमारी मातृभूमि  पर चीन से २.५ गुना अधिक लोगों  को अनाज मुहैया करवाने  का बोझ है.
हमारे यहाँ १५ पल में एक बच्चा जलजनित रोग से मर जाता है., आधी से अधिक जनता को शौच सुविधा प्राप्त नहीं , आधी से अधिक आबादी भूखे पेट सोती है. ६३.८० करोड़ जनता के पास पानी-शौच की सुविधा नहीं....फिर भी हमारा लोकतंत्र भ्रूण हत्या रोकने के अभियान  में खुद को गौरान्वित  महसूस करता है ,जबकि चीन दूसरा  बच्चा पैदा करने वाले नागरिकों को कठोर दंड देने से नहीं हिचकता. प्रति वर्ष हमारे यहाँ ३५ मिलियन बच्चे अपना पांचवा जन्म दिन नहीं देख पाते...क्या यह भ्रूण हत्या से बड़ा पाप नहीं ? अंतर यह है की भ्रूण हत्या के लिए  हम अपने नागरिकों को दोषी मानते है और प्रति वर्ष ३५ मिलियन  बच्चों की मौत की जिमेवारी लेने को कोई तैयार नहीं ! ज़ाहिर है इन बच्चों की 'हत्या' के ज़िम्मेदार इस देश के सत्तालोलुप राजनेता हैं और कोई नहीं.!      
यह पाखंडियों का देश है. इलाज़ के लिए २५० रूपए  न होने से एक बच्चा मर जाता है.....यह बताने के लिए आमिर खान ५ लाख रूपए हर मिनट की फीस लेता है. .. सत्य  मेव जयते ....                                  

बुधवार, 25 दिसंबर 2013

मैरी क्रिसमस … मेक मोर बेबीज़

 मैरी क्रिसमस  … मेक मोर बेबीज़ 

             एल आर गांधी

बहुत जल्द भारत चीन  को जनसँख्या में पछाड़  देगा  ....  क्रिसमस पर अबकि बार मैरी किसमस नहीं 'मेक मैनी बेबीज़ ' की प्रेयर की जायगी  . केरल चर्च ने   इसकी शुरुआत कर दी  है  .कैथोलिक चर्च ने यह कदम ईसाई समुदाय को मुसलमानो के  संख्या बल से बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए उठाया  है।
ईसाई धर्म में अबॉर्शन वर्जित है  पिछले एक दशक से बड़े परिवार पर जोर दिया जा रहा है और अब चार या अधिक बच्चे  पैदा  वाले दम्पत्तियों को प्रोत्साहित किया जाता  है।  पादरियों द्वारा  अपने अपने इलाकों में प्रचारक दल गठित कर अपनी जनशक्ति बढ़ाने का प्रचार  किया जा रहा है।  केरल में ईसाई आबादी १९% है  मगर ईसाईयों की पारिवारिक जन्म दर १.२ है और हिंदुओं व् मुस्लिमों की क्रमश १.८ और २.३ है                                      केरल  महिला व् बाल अधिकार कल्याण आयोग जिसकी अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश वी आर कृष्णा अय्यर कर रहे थे ,  ने  २०११ में सुझाव दिया कि २ से अधिक बच्चों वाले परिवारों को सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जाए और परिवार नियोजन का विरोध करने वालों   को तीन माह की जेल। ईसाईयों और मुसलमानो ने इसका जोर दार विरोध किया  . देश की विकराल बढ़ती आबादी की सेहत की देखभाल के ज़िम्मेदार मंत्री जनाब गुलाम नबी आज़ाद फ़ौरन केरल पहुंचे और  अपनी  सैकुलर सरकार को डांटा ! बाल व् महिला  कल्याण  आयोग के सुझावों को नाक से पोलिओ ड्राप पिला कर सदा के लिए सुला दिया गया                                                                                                                  
                                                                                                                                                                 
  

शनिवार, 7 दिसंबर 2013

ऐश्वर्य की प्रतीक 'राजमाता'

ऐश्वर्य की प्रतीक 'राजमाता'

  एल आर गांधी  

भारत   के विकास का लोहा तो अब फिरंगी भी मानने लगे हैं  … हमारी राजमाता फिरंगिओं की राजमाता क्वीन एलिज़ाबेथ को पछाड़ कर , ऐश्वर्य की सूची में उससे एक पायदान ऊपर पहुँच गई हैं  … जो मुकाम  फिरंगी  इस इस देश पर दो सौ साल राज करके हासिल नहीं कर पाए  … हमारी राजमाता ने महज़ चंद  बरसों में कर डाला  .
अमेरिका के एक मेगज़ीन ने विश्व के २० सबसे अमीर राजनेताओं की सूची ज़ारी की और हमारी राजमाता को विलायत की महारानी एलिज़ाबेथ के ऊपर स्थान दिया।   राजमाता १२वे  पायदान पर उदयीमान हैं और फिरंगिओं की क्वीन और प्रिंस १३वे और १४वे स्थान पर लुढक गए  …
यही नहीं , राजमाता की २ अरब डालर की सम्पदा के समक्ष अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा भी बौने पड़ गए  … यह बात अलग है कि राजमाता की प्रजा  … प्रति व्यक्ति आय के आंकड़े में सबसे निचली पायदान पर एड़ियां रगड़  रही  है  .
राजमाता और उसके दरबारिओं की विनम्रता तो देखो  … वे इस उपलब्धि को सिरे से नकार रहे हैं