बुधवार, 21 जुलाई 2010

पाक कितना पाक

पाक कितना पाक ......
शर्म और हया का लबादा ओढ़े कौम का असली चेहरा !
पाक पोर्न साईट्स देखने में सबसे आगे ....समाचार चैनल फॉक्स न्यूज़ अमरीका ने खुलासा किया है कि कम्पियूटर पर 'नंगी -फुंगी' अर्थात अश्लील साईट्स देखने वालों में पाकिस्तान विश्व में पहले नंबर पर हैं .
पाकिस्तानी यूँ तो अपने आप को दुनिया के सबसे पाक अर्थात पवित्र होने का ढोंग करते नहीं अघाते किन्तु चुपके चुपके नंगी तसवीरें देखने की अपनी आदत से मजबूर हैं. बेशक पाकिस्तान विश्व का पहला देश है जहाँ की सरकार ने ऐसी १७ अश्लील साइट्स पर अपने यहाँ रोक लगा रखी है. फिर भी पाकिस्तानी कम्पुटर पर गन्दी से गन्दी सभी साइट्स देखने को लालायित दिखाई देते हैं जैसा कि इन के द्वारा क्लिक की जाने वाली पोर्न साइट्स से जग जाहिर हो जाता है. पाक के ये 'मोमिन' अश्लील साइट्स में -होर्स सेक्स ,डोंकी सेक्स,रेप सेक्स ,रेप पिक्चर्स ,चाईल्ड सेक्स , एनिमल सेक्स डाग सेक्स जैसी अश्लील हरकतें तलाशने में मशरूफ रहते हैं.
बेशक कुरआन को मानने वालों के लिए ऐसा सब कुछ हराम है. शरियत में तो यह एक दंडनीय अपराध है. महिलाओं के लिए तो सर से पाओं तक बुरका ताकि कोई मर्द उसे देख कर अपना ईमान न गवा बैठे. और मर्द के लिए अपनी वासना को तृप्त करने के लिए चार- चार निकाह जायज़ हैं उस पर ही बस नहीं यदि कोई औरत शौहर कि हुक्म अदूली करे तो उसे ' पीटो-मारो '...किसी आदमी से यह नहीं पूछा जायेगा कि उसने अपनी बीवी को क्यों पीटा -पैगम्बर . यही नहीं आदमी को एक समय में चार बीविया तक रखने की इज़ाज़त है और इसके आलावा उतनी लौंडिया भी जीतनी तुम्हारे बस में हों. (४.३).
पाकिस्तान की नींव ही झूठ और फरेब की ज़मीन पर पड़ी है. अलामा इकबाल ने सबसे पहले मुसलमानों के लिए 'अलग कौम अलग देश ' की वकालत की. इकबाल के पुरखे कश्मीरी पंडित थे. जो अपना धर्म छोड़ कर दीनी हो गए. जिन्न्हा की तरहां इकबाल भी पहले पहल अपने आप को राष्ट्रवादी मौलाना कहलाते थे -अपने तराना ऐ हिंद में बड़े फख्र से लिखा ' मज़हब नहीं सिखाता , आपस में बैर रखना, हिंदी हैं हम वतन है हिन्दोस्तान हमारा, बाद में इकबाल ने अपने पुरखों की मानिंद ही ऐसी पलटी मारी की तराना ऐ हिंद पलट कर तराना- ऐ- मिल्ली बन गया और बदल कर 'चीनो अरब हमारा, हिन्दोस्तान हमारा , मुस्लिम हैं हम वतन है सारा जहाँ हमारा 'हो गया.
ऐसे ही सदर ऐ पाक जनाब जिन्ना साहेब के पुरखे भी गुजरात के खोजे बनिए थे जो पलट कर अपना धर्म छोड़ छाड़ 'मोमिन ' हो गए.जिन्ना भी पहले पहल राष्टवादी थे फिर इकबाल की सांगत में ऐसी पलटी मारी की अपनी कौम के लिए अलग 'पाक' पवित्र मुल्क से कम पर कोई समझौता नहीं पर अड़े रहे. जिन्ना साहेब ने अपने से एक तिहाई उम्र की पारसी लड़की 'रति' से शादी कर मज़हब- जात पात को पहले तो नकार दिया फिर दुसरे ही पल रति का धर्म परिवर्तन करवा कर उसे रत्तन बाई बना दिया.जिन्ना एक ओर तो अपने आप को पश्चमी ख्यालों का अडवांस व्यक्ति ज़ाहिर करते थे और किसी भी इस्लामिक रीती रिवाज़ को न मानने वाला माड्रन शख्स दर्शाते हुए 'हराम गोश्त' खाने से भी नहीं थे चूकते. दूसरी ओर अपने आप को मुसलमानों का खैर ख्वाह कायदे आज़म का ढोंग भी पूरी चालाकी से रचते.जिन्ना ने तो पाकिस्तान को सेकुलर मुल्क बनाने की घोषणा की थी पर बन गया 'इस्लामिक रिपब्लिक '.
अब पाकिस्तानिओं से हम क्या तवक्को कर सकते है. जैसा इखलाक इकबाल और जिन्ना ने उनको विरासत में दिया उसे ही तो वे जी रहे हैं . कहने को मोमिन और झांकते है गैरों की ख्वाब्गाहों में !