सोमवार, 14 सितंबर 2009

आस्तीन के सांप-जिन्ना के शैतान

जिन्ना का भूत जसवंत सिंह के बाद अब केन्द्र्य मंत्री जय राम रमेश में परवेश कर गया है। जनाब नें सांप को क्या सहलाया ,जिन्ना को शिव का अवतार ही बता डाला और साथ ही गाँधी-नेहरू को ब्रह्म-विष्णु ।हमारे शास्त्रों में शिव को कल्याण का प्रतीक माना गया है। जिन्ना ने भारत का क्या कल्याण किया सभी जानते हैं । जिन्ना की जिद ने देश को तीन टुकडों में ही नहीं बांटा ,दो कौमों के नाम पर हिंदू मुस्लिम भाईचारे में भी कभी न पाटेजाने वाली दर्रार दाल दी। जिन्ना के पाकिस्तान की कीमत पाँच लाख लोगों की हत्या और पचास लाख लोग अपने घरों को छोड़ कर पलायन करने को मजबूर हुए । काश समय रहते पता चल जाता की जिन्ना चंद महीनों का मेहमान है तो देश का बंटवारा टाला जा सकता था । जिन्ना के इंतकाल के २५ साल बाद मालूम हुआ की वेह टी बी का रोगी था ।
जसवंत सिंह जी अपनी किताब बेचने शीघ्र ही पाकिस्तान जाने वाले हैं । जाहिर है जिन्ना की मजार पर भी जायेंगे । जनाब अपने सेकुलर जिन्ना के पकिशैतानी दोस्तों से एक बात जरूर पूछिएगा -जब जिन्ना का सेकुलर पाक बना था उस वक्त १८% अल्पसंख्यक थे ,आज पात्र २% रह गए हैं -यह कैसा सेकुलर राज्य है । यही नहीं जिन्ना के दो राष्ट्र फार्मूले का हश्र भी हमारे सामने है -पाकिस्तानी सैनिकों ने पूर्वी पाक में २० लाख मुसलमानों का नरसंहार किया और १९७१ में बांग्लादेश बना। इसके लिए जुलाई २००२ में ढाका में मुशर्रफ़ ने खेद प्रकट किया । रहा पाकिस्तान वेह भी एक असफल राज्य बन कर रह गया है । जिस राज्य की नींव ही नफरत और इंसानियत की कत्लोगारत पर टिकी हो उसका अंजाम भी एसा ही निश्चित है । रही हमारे सेकुलर नेताओं की ,आस्तीन में सांप पलना उनकी राजनैतिक मजबूरी है । वोट की राजनीती के चलते उन्हें चिंता लगी रहती है की कहीं जिन्ना के शैतान नाराज़ न हो जाएँ।

मंत्री महोदय जय राम रमेश जी शिव ने मानवता के कल्याण हेतु हलाहल पान किया और उनके जिन्ना ने सिर्फ़ और सिर्फ़ ज़हर उगला और लाखों हिन्दुस्तानी उसकी भेंट चढ़ गए