मंगलवार, 28 अक्तूबर 2014

' निल बैलेंस ' विदेशी खाते

आज पटियालवियों का सर शर्म से झुक गया  .... यह जान कर कि रियासत की महारानी पर किसी 'उच्चक्के ' ने यह दोष मढ़ दिया कि उनका विदेश में 'काला ' खाता है और उसका भी 'बैलेंस ' निल है  .... एक रियासत की महारानी और बैंक बैलेंस निल  .... हे राम !  कैसा लोक - तान्त्रिक  कलयुग आ गया  … जब महारानी कंगाल है तो प्रजातंत्र की प्रजा का क्या होगा ?
अवश्य ही इसमें किसी राजपरिवार विरोधी विदेशी शक्ति की चाल है  । महारानी ने तो धुर विरोधी विदेशियों की भी मोती महल और चैल -पैलेस में खूब खातिर दारी को भी आँख मूँद कर सवीकार किया।  पटियालवियों को बढ़ चढ़ कर नज़राने दे कर ज़ीरो बैलेंस अकॉउंट को मालामाल करने की मूहिम चलानी होगी  … रियासती अस्मत का सवाल है भाई !
ऐसे 'उच्चक्कों ' पर मान हानि का दावा 'अब तो ' कर ही देना चाहिए  … कल को देश की 'राजमाता ' और राजकुमार के ' निल बैलेंस ' विदेशी खाते कोई उठा लाएगा !