रविवार, 14 अगस्त 2011

गाँधीवादी अन्ना .............पर कांग्रेसियों की विरासती सोच !!!!

 गाँधीवादी अन्ना .............पर 
कांग्रेसियों की विरासती सोच !!!!
      एल.आर.गाँधी  
      
 ज्यों ज्यों अन्ना के अनशन  का दिन निकट आ रहा है...सत्ताधारी राजनेताओं की बौखलाहट भी बढती जा रही है ..अन्ना  का हश्र भी बाबा के अंजाम तक पहुँचाने की तैयारी भी  जोर शोर से चल रही. आरोप प्रत्यारोपों का महांभारत छिढ़ गया है.... कांग्रेस के एक प्रवक्ता मनीष तिवाड़ी ने अन्ना पर अपने जन्म दिवस पर २.२ लाख की भारी भरकम रकम खर्च करने या करवाने का दोष लगाया और कहा कि  एक  गाँधीवादी को जन्मदिन पर ऐसी फ़िज़ूल खर्ची शोभा नहीं देती..... एक कांग्रेसी नेता कि एक गाँधीवादी को गांधीजी के आदर्शों पर नसीहत ? बहुत अटपटा सा लगता है जब कोई कांग्रेसी गाँधीजी के आदर्शों की दुहाई देता है !!!!!
अन्ना के आन्दोलन के लिए हमारी इस गाँधी-छाप सरकार के पास दिल्ली में कोई उचित स्थान नहीं ? जितना हमारी यह लोगों द्वारा चुनी गई सरकार आज अन्ना से डरी हुई है उतना तो विदेशी अँगरेज़  हकुमत कभी गाँधी से 

नहीं थी घबराई . गांधीजी को अनशन या आन्दोलन के लिए कभी इतने कायदे कानून नहीं थे पढ़ाए गए. अंग्रेजों द्वारा गाँधी जी को जो ट्रेन सुवुधा  मुहैया करवाई गई थी...वह किसी भी स्तर से प्रथम श्रेणी से कमतर न थी... जिस कम्पार्टमेंट में गाँधी सफ़र करते थे, उसमें रेल के तीन डिब्बे -प्रथम श्रेणी सुविधाओं से लैस थे...फिर भी डिब्बों के बाहर 'तीसरा-दर्ज़ा' लिखा रहता !!!!!!..आज गाँधी जी के नोट -छाप कांग्रेसियों को एक अदना से टोपी-धारी अन्ना से 'ग़दर' की बू आ रही है... अन्ना से संविधानिक खतरा खड़ा हो गया है
गाँधी के नाम पर पिछले ६४ वर्षों से सत्ता सुख भोग रहे ये कांग्रेसी ....किस कदर गाँधी-छाप नोटों के दीवाने हो चुके हैं ...यही अयना तो दिखाना चाहते हैं- अन्ना !!! अन्ना पर अपने आन्दोलन के लिए पैसा कहाँ  से आया का आरोप  लगाने वाले शायद यह भूल गए कि गाँधी जी पर प्रति दिन ५०/- खर्च होते थे और यह खर्च उस वक्त के उद्योगपति 'बिडला ' द्वारा किया जाता था . उस वक्त के यह ५०/- आज के २००००/- के बराबर हुए ...इस प्रकार तो अन्ना के जन्म दिन जितना गांधीजी हर हफ्ते उड़ा देते थे.?
बाबा के बाद अब अन्ना के 'ऐशो- आराम' पर होने वाली पाई पाई का हिसाब 'अर्थशास्त्री मनमोहन' सरकार के 'दिग्गी-सिब्बल' लगाने में मशगूल हैं.  सारी सरकारी एजेंसियां भी दिन रात अन्ना की जन्मपत्रियाँ खंगाल रहीं हैं.. अन्ना के जन्म दिन पर किसी अन्ना प्रेमी के २.२ लाख रूपए का भारी भरकम खर्चा ...' तौबा तौबा' ... एक गाँधी वादी और उसके जन्म दिन पर इतनी फ़िज़ूल खर्ची ? 
गाँधी के नाम पर छै दशक से देश पर राज करने वाला नेहरु गाँधी परिवार ... कितना गाँधीवादी है और देश की गरीब जनता के खून पसीने की कितनी दौलत पर अब तक ' हाथ साफ़ ' कर चूका है ... उस पर हमारा सुपारी-पाक  मिडिया भी खामोश  है. नेहरु- गाँधी परिवार का स्विस बैंकों में २.५० बिलियन डालर जमा है. महज़ पिछले तीन साल में कांग्रसी सरकार की राजमाता श्रीमती सोनिया गाँधी की विदेश यात्राओं पर १८५० करोड़ खर्च किये गए - किस 
हैसियत से - एक सांसद हैं - इस लिए ?.... यदि देश के सभी सांसदों पर इतना ही सरकारी खर्चो होने लगे तो .....प्रणब दा.. के हाथ में कटोरा ..थमाना पड़ेगा.    
जैसे विचार सरकार में बैठे कांग्रेसियों के आज गाँधीवादी अन्ना हजारे के बारे में सुनने को मिल रहे हैं कुछ ऐसे ही  विचार हमारे चाचा नेहरु के गांधीजी के बारे में भी थे.... १९५५ में कनाडियन प्रधानमंत्री लेस्टर पियर्सन ने नेहरूजी से भेंट की और उनके गांधीजी के बारे में एक सवाल के जवाब में नेहरु जी ने फ़रमाया ' ओह, वह भयंकर ढोंगी बूढा ! सत्ता के नशे में चूर इन चोर उच्च्क्को का अन्ना को बुरा नहीं मनाना चाहिए ... आखिर विरासत में मिली सोच है जाते जाते ही जाएगी और सत्ता के साथ ही जाएगी !!!!