बुधवार, 28 जुलाई 2010

चोखी लामा उदास है
गज़ब कि ज़ल्दी में थे आज ' चोखी लामा ' . वी शेप कि चप्लियाँ आज हाथों कि ज़गह पाऊँ में चमक रही थी . हम यूँ ही पूछ बैठे 'चोखी भाई 'बहुत ज़ल्दी में हो - चप्लिया घिस जाएंगी .फ़ौरन कटी पतंग कि भांति तुनक गए और बोले ' आप अखबार वालों को कोई काम धंधा तो है नहीं ! चले आते हैं मीन मेख निकलने . अरे भाई कुछ मालुम भी है 'बड़े खेला' में महज़ ७० दिन बचे हैं और काम बाकि पड़ा है ७०० दिन का. इस
लिए कलमाड़ी जी ने कहा है बस और मटर गश्ती हरगिज़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी .दिन रात एक करना होगा -हमारी नाक का सवाल ही नहीं -शीला जी ,मनमोहन जी और सबसे ऊपर सोनिया जी की भी नाक का सवाल है . मैंने कहा अरे भई देश की नाक का भी तो है. चोखी लामा ने मुझे ऐसे देखा जैसे मास्टर किसी नालायक बालक को देख रहा हो और बोला अरे भाई जब सोनिया जी कि नाक आ गई फिर देश
की नाक क्या पीछे छूट गई है. कलमाड़ी जी ने तो २१ जुलाई 'डेड डेट' मुकरर की थी और उसे छूटे भी सात रोज़ बीत गए ,ऊपर से इन्दर देव भी खलनायक का खेल खेलने पर उतारू हो गया- मणि शंकर अय्यर के उकसाने पर. विरोधी दल और पत्रकार क्या कम थे जो अपने भी गुड गोबर करने चले आए .
चोखी भाई आप कल कहाँ थे -सुना है किसी मय्यत में गए थे.चोखी का जोश उदासी में बदल गया. क्या बताएं भैया .... परसों रात रात के एक बजे हमारे मजदूर भाई ऐअर पोर्ट के पास फ्लाई ओवर पर कारपेटिंग का काम कर रहे थे एक होंडा सिटी आई और सड़क पर काम में मशगूल आठ मजदूरों को रौंद कर चली गई, चार तो वहीँ पर दम तोड़ गए और चार हस्पताल में जिन्दगी और मौत के बीच झूल रहे हैं. ड्राइवर साहिल खान तो भाग गया -आलम खान व् शाहबाज़ को लोगो ने पकड़ा और पुलिस ने छोड़ दिया. ? इन को मिला कर अब तक ४६ मजदूर 'खेलों' कि भेंट चढ़ चुके है और सरकारी सहायता मिली है केवल मात्र 'एक' को.कोई भी ठेकेदार मजदूरों का पंजीकरण ही नहीं करवाता और बिना पंजीकरण के आप को तो मालूम है किसी मजदूर को सरकार मजदूर ही नहीं मानती. हाई कोट के हुक्म के बाद अब कुछ लोगों का पंजीकरण होने लगा है, जो गए सो गए ....