करज़ई का पाक- प्रेम
एल. आर गाँधी
बंगला देश की आज़ादी के लिए इंदिरा जी ने देश का अरबों रुपया पानी की माफिक बहाया ...ताकि पड़ोस में एक धर्म निरपेक्ष देश उभर सके ... मगर पाकिस्तान से भी ज्यादा खतरनाक बन कर उभरा बांग्लादेश ... आज़ादी के वक्त जहाँ ३४% हिन्दू अल्पसंख्यक थे ... आज महज ७% से भी कम रह गए और करोड़ों बांग्लादेशी भारत में प्रवेश कर गए .. देश की सुरक्षा के लिए एक नई मुसीबत , सो अलग.
आचार्य विष्णुगुप्त चाणक्य ने ठीक ही तो कहा था .... सांप को कितना ही दूध पिला लो ...पैदा तो ज़हर ही होगा. इस्लाम में मुसलमानों को रसूल की सख्त हिदायत है ' कोई भी मुसलमान चाहे वह हमेशां गुनाह क्यों न करता हो , एक काफ़िर से बेहतर होता है , चाहे वह काफ़िर हमेशां पुण्यात्मा भी क्यों न हो ... इस बात को न मानना 'कुफ्र' है '
अब अमेरिका और भारत अफगानिस्तान के लिए हजार पुन्य के काम कर लें ...वहां हस्पताल बनाएं , मदरसे उसारें , सडकें बनाएं ..भूख से बेहाल अफगानियों भोजन पहुंचाएं...रहेंगे तो काफ़िर के काफ़िर ... और पाकिस्तान कितनी ही दहशत फैलाए , नुक्सान पहुंचाए .. रहेगा तो 'रसूल' को मानने वाला 'भाई' ही.