बुधवार, 16 अप्रैल 2014

कलयुगी किन्नर राज

कलयुगी किन्नर राज 

   एल. आर. गांधी

हे राम  …आपने हमें 'वरदान ' तो दिया , मगर पहचान देना भूल गए  और आपकी उस भूल का फायदा आज तक 'मानसिक-किन्नर नेता ' उठाते रहे  .... वे सिंहासन पर आरूढ़ हैं और हम गली गली खाली हाथ ताली बजाते भटक रहे हैं  …
आधी -अधूरी सदी बीत जाने के बाद मंगलवार को  सर्वोच्च न्यायालय ने 'किन्नरों' को पहचान देने का मंगलकारी निर्णय सुनाया और उन्हें तीसरे 'लिंग' के रूप में मान्यता के साथ मानवीय अधिकार भी दिए। 
किन्नरों को यह अधिकार प्राप्त करने के लिए तीन युगों तक इंतज़ार करना पड़ा  ....
त्रेता युग में जब भगवान राम जी को बनवास मिला तो समस्त अयोध्या वासी  सरयु तट तक उन्हें मनाने आए कि प्रभु लौट आओ   … आखिर प्रभु को आदेश देना पड़ा कि समस्त ' नर-नारी ' अयोध्या लौट जाएं  … प्रभु राम चौदह वर्ष वनवास काट कर जब लौटे,  तो सरयु तट पर कुछ फटेहाल- रंगबदरंग कपड़ों में कुछ लोग प्रभु के आगमन की ख़ुशी में झूमते नाचते देखा  .... प्रभु ने बड़े आश्चर्य से पूछा कि ये लोग कौन हैं  … तो बताया गया कि  ये 'किन्नर ' हैं  . । प्रभु जब आप ने अयोध्या के सभी नर- नारियों को वापिस अयोध्या लौटने का आदेश दिया तो इन्होने सोचा कि हम तो न नर हैं और न ही नारी , सो ये लोग पिछले चौदह वर्ष से सरयु तट पर आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं
भगवान राम किन्नरों की प्रभु भक्ति से आत्म विभोर हो गए  … झट से वरदान दिया कि जाओ 'कलयुग ' में किन्नर -राज होगा  …
बस भगवान राम जी  यहीं पर 'भयंकर' भूल हो गई   … वे इन्हें लिंग पहचान देना भूल गए  … राज तो केवल पुरुष और या नारी ही कर सकते हैं  .... किन्नर व्रृति के लोग सिंघासन पर आरूढ़ हैं   और असली किन्नर पहचान को तरस रहे हैं  ।
मंगलवार सर्वोच्च न्यायालय के इस ऐतिहासिक फैसले के साथ साथ एक 'बुक बम ' के लिए भी याद किया जाएगा  … दो पुस्तकों के लिए  … जिनमें सिंह साहेब और राजमाता में सुपर कौन ? की सच्चाई बयां की गई और वह भी भीतर के भेदियों  द्वारा  … और इसके साथ ही 'राजकुमारी' के उस उद्द्घोष के लिए ' सिंह इज़ सुपर पी एम  …।   

मंगलवार, 8 अप्रैल 2014

केजरी का मुखरक्षक … मफलर

केजरी का मुखरक्षक  … मफलर 

     एल  आर  गांधी


हे राम  .... अच्छा हुआ यह दिन देखने को आज बापू नहीं हैं  ....
गांधी टोपी धारी माडरन गांधी वादियों की ऐसी धुनाई  … हे राम
आज राजधानी के   'अमन' विहार के आम  टैम्पो चालक 'लाली ' ने केज़रीवाल जी का मुंह नीला कर दिया  … आँख पर चोट आयी  … टैम्पो  चालक ने आरोप लगाया कि केजरी ने वादे पूरे नहीं किये   … और हमें  मझधार  में छोड़ भाग खड़ा हुआ  … इतने कम समय में इतने 'चांटे' खाने का किसी राजनेता का यह अपना रोकार्ड रहेगा  ....
केजरीवाल जी राखी बिड़ला का रोड शो बीच में छोड़ छाड़ कर 'बापू के मज़ार ' पर जा बैठे  … घंटा भर बापू से मौन वार्ताप्रलाप किया  … बापू आज तेरे नाम पर 'राजपाठ ' पर काबिज़ ये सफेद पॉश तेरी किसी 'नसीहत को नहीं मानते   … यहाँ तक कि तेरी दी हुई टोपी भी उतार फेंकी   … मैंने तेरी टोपी पहनी  और पहनाई भी  … आप ने अपने हाथ में  झाड़ू ले कर 'मैला ' साफ़ किया और हमने उसी झाड़ू को अपना चुनाव चिन्ह बना कर सिर पर धारण कर लिया  …
तेरे बताए अहिंसा के  मार्ग पर चले  … बापू आपने एक बार कहा था  'यदि कोई एक चांटा मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो  … बापू आपने यह तो बताया ही नहीं जब दुसरे के बाद  … ३रा ,४था  … और गाल पर आपकी ही बनाई पार्टी का 'चुनाव चिन्ह' छप  जाए  … गाल सूज कर दुखने लगे  … तो आम आदमी क्या करे  …
मज़ार से एक 'खामोश' आवाज़ आयी .  मूर्ख  … मफलर मेरे से पूछ कर उतारा था  ....