गुरुवार, 22 नवंबर 2012

अफज़ल की रस्सी पर झूले कसाब

अफज़ल की रस्सी पर झूले कसाब 
    एल आर गाँधी 

कसाब लटक गए और अफज़ल फिर से बच निकले . पांच बरस  पहले जो रस्सी अफज़ल के लिए बुनी गई थी .  ... पर कसाब को लटका दिया। अब अफज़ल के लिए नयी रस्सी  बुनने को  बिहार की बक्सर जेल के कैदियों को फिर से कहा जायगा . कसाब के लटकते ही अफज़ल को लटकाने की मांग फिर से होने लगी है। लटकाने वालों की फेहरिस्त में कसाब का नंबर 15 वा था मगर लाईन तोड़ कर लटका दिया  गया .पांचवे नंबर पर बैठे अफज़ल 'बैठे रह गए' ... बहुत बे इंसाफी है। यदि हमारे महानुभव् चिदम्बरम जी गृह मंत्री होते तो ऐसी अमानत में खयानत हरगिज़ नहीं होने देते . चिद्दी मियां जी ने तो साफ़ साफ़ कह दिया था की हम तो नंबर वार लटकायेंगे ... -लटकने लटकाने के भी कुछ कायदे कानून होते हैं . ऐसे कैसे लटकादें .... 
मगर शिंदे जी नए नए गृह मंत्री बने हैं  ... उन्हें क्या मालूम ... खैर अब फिर से नयी रस्सी के   लिए शिंदे जी वित्त मंत्रालय को अगली पञ्च वर्षीय योजना में बजट  प्रावधान के लिए चिद्दी मियां को लिखेंगे और असूल् परस्त चिदम्बरम जी गृह मंत्रालय से पहली रस्सी के दुरपयोग पर सफाई मांग लेंगे ...ऐसे ही सफाई लेने और देने में 2014 का सत्ता बदल हो जायगा और अल्लाह के फज़ल से अफज़ल मियां यूं ही बैठे रहेंगे  ....अगर कोई अनहोनी न हो गयी तो .......