गुरुवार, 3 जुलाई 2014

आचार्य का स्वर्ग -मुल्ला की ज़न्नत … ख्याल अच्छा है


आचार्य का स्वर्ग -मुल्ला की ज़न्नत  … ख्याल अच्छा है 

                            एल आर गांधी 


अयोग्य की पूजा का उल्टा फल मिलता है   … साई पूजा से नाराज़ शंकराचार्य सवरूपानंद सरस्वती जी ने अपने नए विवादित ब्यान में  घोषणा के साथ ही कांग्रेस महानसचिव दिग्विजय सिंह उर्फ़ दिग्गी मियां जी   को अपना परम शिष्य भी सवीकार किया  ....
सवरूपानंद जी महाराज ने साईं बाबा की हिन्दुओं द्वारा पूजा पर एतराज जताते हुए बताया कि साईं में ऐसी कोई योग्यता नहीं की उसकी पूजा की जाए  … साईं मुसलमान थे कोई अवतार नहीं की उनकी मूर्ती की पूजा की जाए  … वे चिलम  पीते थे , मांस खाते  थे और एकादशी के दिन ब्राह्मणों को जबरन मांस खिलाते  थे  …
सवरूपानंद जी पहले भी अपने विवादस्पद बयानों और कांग्रेस प्रसस्त कार्यकलापों के कारण सुर्ख़ियों में  रहे हैं  … मोदी पर प्रशन पूछने पर एक पत्रकार को थप्पड़  तक जड़ दिया , बनारस में जब हर हर मोदी का जयघोष हुआ तो स्वामी जी को नागवार गुज़रा और मोदी के आगे ' हर हर ' पर फतवा जारी कर दिया  … मोदी समर्थक नहीं माने  … माने भी क्यों , अब सवरूपानंद जी ने अपने नाम के आगे 'शंकराचार्य ' लगा रक्खा है , क्या वे भगवान शंकर जी के 'आचार्य ' हो   गए  ।
शंकराचार्य जी महाराज के महान शिष्य श्री श्री दिग्विजय सिंह उर्फ़ दिग्गी मियां के 'कृत्य' और मान्यताओं पर तो  आचार्य जी ने कोई एतराज नहीं किया और आज भी उसे अपना शिष्य मानते हैं  … दिग्गी मियां की मुस्लिमपरस्ती  … ओसामा बिन लादेन के लिए 'जी' अलंकरण का प्रयोग , इस उम्र में 'मस्तुरातपरस्ती ' और न जाने क्या- क्या  …
साई पूजा को रोकने के लिए स्वामी जी ने नागा साधुओं का आह्वान किया है  … क्या इस्लामिक देशों की भांति स्वामी जी भारत में भी धार्मिक गृह युद्ध को तो आमंत्रण नहीं दे रहे।  भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हिन्दू समाज अनंतकाल से बहुदेव पूजक रहा है   .... आचार्य तो शाश्त्रार्थ से अपने अनुयायिओं को सही मार्ग दिखाते हैं न की शस्त्रों  से  … 
आचार्य का मानना है कि साईं को मानने वालों को मोक्ष (स्वर्ग) नहीं प्राप्त होगा  … मुल्ला कहते हैं कि जेहाद करो  …जन्नत नसीब होगी  .... हमको मालूम है ज़न्नत की हकीकत या रब , दिल के बहलाने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है