बुधवार, 16 अक्तूबर 2013

कुर्बानी की दावत

कुर्बानी की दावत 

एल आर गाँधी 


पोलैंड में पशुओं पर अत्याचार विरोधी संगठनों ने ईद के ' कुर्बानी  की दावत 'पर्व के नाम पर मूक जानवरों की क्रूर हत्या पर विरोध जताया   … पोलैंड में किसी भी जानवर की 'सचेत' अवस्था में हत्या पर कानूनन रोक है। वहां के सभ्य समाज   में किसी भी जानवर  की हत्या से पूर्व   उसे  अचेत (बेहोश) करना अनिवार्य है  और कोई भी जानवर सरकारी बुच्चर खाने से बाहर नहीं  काटा जा  सकता। . 
मगर अल्लाह को मानने वाले पोलैंड के इस क़ानून को इस्लाम विरोधी मानते हैं  … जब तक जानवर को हलाल न किया जाए  वे उसके मांस को हराम मानते हैं  … हलाल में जानवर को धीरे  धीरे उसकी गर्दन पर खंज़र चला कर ( तडपा -तडपा ) कर मारा  जाता है   ….दुनिया का कोई भी क़ानून उनकी मज़हबी मान्यताओं में   दखल दे उन्हें हरगिज़  गवारा नहीं  ।  
इस्लामिक रिपब्लिक आफ पाकिस्तान में तो ईद पर ६० लाख  पशुओं की बलि दी जाती है। महज़ पशुओं की खाल का आधा वार्षिक धंधा एक दिन में निपट जाता है  … इस अवसर पर पशुओं की कीमत २० हज़ार से १६ लाख तक पहुँच जाती है  । इस बार तो एक क्रिक्टर का बकरा अगवा कर लिया गया और बदले में  फिरौती की मांग की गयी  । फिरौती न मिलने पर बकरे को गोली मार दी।  
भारत में गाय  बहुसंख्यक हिन्दुओं की पूजनीय है  … देश की शीर्ष इस्लामिक संस्था दारुल उलूम ने भी मुसलमानों से ईद पर गोहत्या न करने की  ईल्तज़ा की है  । मगर देश की सैकुलर सरकार और पशु प्रेमी संगठन मौन हैं  … 
हिन्दुओं के  हर त्यौहार पर 'हिदायत नामा ' जारी करने वाले मिडिया को भी लकवा मार गया है  । होली पर जल बचाओ , दिवाली पर वायु प्रदूषण व् ध्वनि प्रदूषण की  ' नेक ' सलाह देने वाले 'वाच डाग ' अपनी सेकुलर दूम को दो टांगों के बीच दबाए बैठे हैं  . श्वान भक्त मेनका जी भी मौन हैं 

बुधवार, 9 अक्तूबर 2013

लालू जी के शौक

लालू जी के शौक 

 एल आर गाँधी

लालूजी को जेल में 'राबड़ी ' की कमी खूब सता रही है। हम उस राबड़ी की बात नहीं कर रहे जिसने लालू जी को एक पति से ग्यारह बच्चों का पिता  बना दिया  … हम तो उस राबड़ी की बात कर रहे हैं , जो उन गईयाँ के दूध से बनी है जिनका चारा लालू जी 'खा ' गए  …
अदालत में अपना फैसला सुनने से पहले जब लालू जी अपने 'बाड़े' से चले तो गईयाँ पूजन किया और गौ माता से भूल चूक माफ़ करने की गुहार भी लगाई  … गईयाँ ने भी पुराने मुस्लिम -यादव वोटरों की भांति गर्दन मटका कर हामी भर दी  … लालूजी आश्वस्त हो कर  …. फैसला सुनने चल दिए  …
यहीं पर उनसे भयंकर भूल हो गई  …. दाना तो सबसे पहले लालू जी ने मुर्गिओ  का खाया था  …  पिछले  १७  बरस से मुर्गियन के  नाती पोतियाँ  अभी तक गर्दन उठा उठा कर पूछ रही हैं  … मेरा  पेट देख  ….क्या मैं एक दिन में चालीस किलो दाना खा सकती हूँ  ….
कभी जो शख्स 'चूहों ' का मांस खा कर गुज़ारा करता था  … आज ' राबड़ी ' का मुरीद है  … लालू जी को गर्भवती चुहिया का गोश्त खूब भाता था  … शौक भी क्या चीज़ है  … गोश्त से मुर्गी दाना फिर गईया का चारा  और फिर राबड़ी खाते खाते जेल की हवा खाने लगे  …
काश गईया के साथ साथ मुर्गी और चुहिया से भी माफ़ी मांग ली होती !!!!!!