गुरुवार, 17 फ़रवरी 2011

ईमानदारी से लूट खसूट'

क्या १६ फरवरी को अब 'ईमानदारी से लूट खसूट' ' दिवस के रूप में मनाया जाए . जिस प्रकार पत्रकारों  के  समक्ष  हमारे 'चोरों के सरदार ' और फिर भी इमानदार ? प्रधानमंत्रीजी ने अपनी सरकार के महां घोटालों पर अभूतपूर्व सफाई दी है- उससे तो 'चोरी और सीना जोरी' की कहावत ही चिर्तार्थ होती है.  फिर सरदार साहेब ने 2G की लूट की  गरीबों के निवाले से तुलना कर अपनी ' ईमानदार' छवि को 'चार चाँद' लगा दिए हैं.