मंगलवार, 22 जनवरी 2013

श्री साहेब जी


श्री साहेब जी 

एल आर गाँधी 

'श्री' भारतीय सभ्यता का बहुत ही पौराणिक आदर सूचक शब्द   है ...श्री शब्द का प्रयोग किसी बहुत ही आदरणीय महापुरुष के नाम के पूर्व प्रयोग किया जाता  है . इसके अतिरिक्त 'श्री' अलंकार को देवी ,लक्ष्मी, विष्णु व् श्री गणेश -समृद्धि और विघ्न हरने वाले विघ्नेश्वर आदि के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है ......मगर हमारे परम ज्ञानी गृह मंत्री श्री श्री सुशिल कुमार जी शिंदे साहेब ने आतंक के पर्याय अजमल कसाब के नाम के आगे 'श्री' शब्द का प्रयोग कर साफ़ कर दिया कि उनके विशाल हृदय में  आतंकवादियों के लिए कितना सम्मान है। 
अब शिंदे साहेब ने हाफिज सईद को 'साहेब' के सम्मानजनक शब्द से संम्बोधित कर 'अपनी सेकुलर सरकार' की आतंक के खिलाफ नियत और निति पर मोहर लगा दी है। और इसके साथ ही आर एस एस व् भारतीय जनता पार्टी को आतंकी संगठन घोषित कर 'सईद साहेब ' से वाहवाही भी लूट ली। सईद को साहेब कह कर मुंबई आतंकी हमले के सूत्रधार को एक निहायत ही आदरणीय शख्स बना दिया गया है . अंग्रेजों को गुलाम भारतीय 'साहेब' के आदरसूचक शब्द से बुलाते थे . इसके अतिरिक्त भारतीय एक पवित्र स्थान या व्यक्ति के लिए भी 'साहेब' शब्द का प्रयोग करते हैं जैसे 'हरमंदिर साहेब' गुरुग्रंथ साहेब , साहेबजादे ....
ओसामा बिन लादेन को 'जी ' के अलंकार से संबोधित करने वाले , 150 साल पुराणी राष्ट्रिय कांग्रेस के , महासचिव श्री श्री दिग्विजय सिंह साहेब ...शिंदे उर्फ़  शर्मिंदे साहेब के पक्ष में ताल ठोक  कर खड़े या अड़े नज़र आ रहे हैं ... खड़े  भी क्यों न ...भगवा आतंक के प्रलाप में कोई तो साथी मिला ....
कबीर जी ने ठीक ही तो कहा है .....
शब्द सम्हारो बोलिए, शब्द के हाथ न पाँव 
एक शब्द औषध करे , एक शब्द करे घाव    

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