कुर्बानी की दावत
एल आर गाँधी
मगर अल्लाह को मानने वाले पोलैंड के इस क़ानून को इस्लाम विरोधी मानते हैं … जब तक जानवर को हलाल न किया जाए वे उसके मांस को हराम मानते हैं … हलाल में जानवर को धीरे धीरे उसकी गर्दन पर खंज़र चला कर ( तडपा -तडपा ) कर मारा जाता है ….दुनिया का कोई भी क़ानून उनकी मज़हबी मान्यताओं में दखल दे उन्हें हरगिज़ गवारा नहीं ।
इस्लामिक रिपब्लिक आफ पाकिस्तान में तो ईद पर ६० लाख पशुओं की बलि दी जाती है। महज़ पशुओं की खाल का आधा वार्षिक धंधा एक दिन में निपट जाता है … इस अवसर पर पशुओं की कीमत २० हज़ार से १६ लाख तक पहुँच जाती है । इस बार तो एक क्रिक्टर का बकरा अगवा कर लिया गया और बदले में फिरौती की मांग की गयी । फिरौती न मिलने पर बकरे को गोली मार दी।
भारत में गाय बहुसंख्यक हिन्दुओं की पूजनीय है … देश की शीर्ष इस्लामिक संस्था दारुल उलूम ने भी मुसलमानों से ईद पर गोहत्या न करने की ईल्तज़ा की है । मगर देश की सैकुलर सरकार और पशु प्रेमी संगठन मौन हैं …
हिन्दुओं के हर त्यौहार पर 'हिदायत नामा ' जारी करने वाले मिडिया को भी लकवा मार गया है । होली पर जल बचाओ , दिवाली पर वायु प्रदूषण व् ध्वनि प्रदूषण की ' नेक ' सलाह देने वाले 'वाच डाग ' अपनी सेकुलर दूम को दो टांगों के बीच दबाए बैठे हैं . श्वान भक्त मेनका जी भी मौन हैं
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