म्वालिओं की ज़न्नत-कराची
एल .आर .गाँधी
पाक का सबसे बड़ा शहर कराची बेशक दुनिया में इस्लाम को मानने वालों का सबसे विशाल नगर है मगर भाई लोगों ने अपने माफिया का ऐसा जाल बुना है कि लोग अब इसे 'म्वालिओं की ज़न्नत' बुलाने लगे हैं. लगभग १८ मिलियन अल्लाह के बन्दों ने इस शहर को विश्व के सबसे बड़े नगरों में शुमार तो कर दिया किन्तु नागरिक सुविधाओं का जहाँ तक सवाल है लोग-बाग़ ' भाई लोगों ' के रहमोकरम पर जीते हैं.७१२ ऐ . डी . में सबसे पहले मुहम्मद बिन कासिम ने यहीं से इस्लाम का कारवाँ आगे बढ़ाया था. पाक के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना का यह पसंदीदा शहर था - जिन्ना यहीं पैदा हुए और स्पुर्दे ख़ाक भी. कराची को इसी लिए 'सिटी आफ कायद भी कहा जाता है. पाक इसे व्यापार के केंद्र मुंबई के समकक्ष मानता है. एन.जी.ओ.स्वयंसेवक रोनाल्ड डिसूज़ा की माने तो कराची पर लैंड माफिया का प्रभुत्व है. लैंड माफिया सभी नियमों को ताक़ पर रख कर जहाँ जी चाहे बड़े बड़े माल खड़े कर लेता है. शहर के लोग पानी के लिए भी इन म्वालिओं का मुंह ताकते हैं. टैंकर माफिया टैंकरों से महंगे दाम पानी की सप्लाई करता है और नकली किल्लत खड़ी करने के लिए ये लोग शहर की पाईप लाईन ही काट देते हैं. ऐसे ही परिवहन की सुविधा भी इन भाई लोगों के हाथ में है. खटारा मिनी बसों में लोगों को भेड बक्रिओं की माफिक भर कर ढ़ोया जाता है और इनके मालिक हैं मुख्यत पुलिस वाले. हर काम में पुलिस की सेवाएं 'हर समस्या का हल है' क्योंकि कराची पर पुलिस राज है. फिर भी सब ठीक ठाक चल रहा है क्योंकि 'पैसे से' सब काम आसानी से हो जाता है.
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