शनिवार, 23 जनवरी 2010

ग्लानी- मनमोहन के नान स्टेट खिलाड़ी.

पाक खिलाडी खेल की मंडी में नहीं बिक पाए तो ग्लानी जी बुरा मान गए और झट से ब्यान दाग डाला कि अब हम भी अपने नान स्टेट एक्टर्स को अपनी मनमानी करने से नहीं रोक पाएंगे। और इंडिया का सिकुलर प्रेस भी शर्म से पानी पानी हो बर्फ कि माफिक जमा जा रहा है।
अब मनमोहन जी ग्लानी को बार बार अपने इन ख़ूनी खिलाडिओं पर लगाम कसने कि गुज़ारिश करते आए हैं तो सिंह साहेब को भी तो अपने इन आइ. पि. एल. के नान स्टेट एक्टर्स को समझाना चाहिए कि 'भई एक आध खरीद डालो '। अब ये ठहरे गेंद- बल्ले के शातिर व्यापारी ..घाटे का सौदा कैसे कर लें । खुदा ना खस्ता आइ. पी. एल. मैचो के बीच ग्लानी जी के नान स्टेट एक्टर २६/११ जैसा कोई और घिनौना खेल खेल बैठे और भोले भले भारतीय दर्शक बुरा मान गए.... और पाक खिलाडिओं पर बिफर गए ... तो उनका तो करोड़ों का धंधा चौपट हो जायेगा । उनकी खून पसीने कि कमाई है....
वे मनमोहन सरकार तो नहीं जो ग्लानी के नान स्टेट एक्टर्स के रख रखाव पर ही ३३ करोड़ लुटा दें ।' अतिथि देवो भव ' ऐसी भी क्या मेहमान नवाजी सवा साल से ग्लानी के नान स्टेट एक्टर्स के ९ ताबूत सम्हाले बैठे हैं।

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