शनिवार, 30 जनवरी 2016

आड -इवन जश्न

एल आर गांधी

नेता जी ने अभी आड -इवन के जश्न का आगाज़ ही किया था कि किसी सुंदरी ने पिचकारी से रंग दिया  ..... झट से नेताजी झल्लाए 'होली कब है  ....कब है होली ! हम होली पर गीली होली खेलने के सख्त खिलाफ हैं  .....गीली होली से हमें  ठण्ड लग जाती है और महीनों खांसी नहीं जाती  ... हमें  पता होता कि आज होली मनाई जाएगी तो हम  यह आड -इवन   किसी और दिन मना लेता  .... भइ यह भी कोई बात हुई ये भाजपा वाले होली के नाम पर दिल्ली के पानी को बर्बाद करने पर तुले हैं  .... दिल्ली में पानी की किल्लत को ये क्या समझें ! यह सरा -सर साज़िश है  .... इतनी ठण्ड में गीला करके रख दिया  .....
तभी दूसरे  माइक से सन्सोधिया जी ने जब घोषणा की कि यह केजरी जी की हत्या का प्रयास है  .... काली सियाही की एक एक बूँद का हिसाब लिया जाएगा  .... तब जा के माज़रा समझ में आया कि यह तो किसी आपिये ने ही भंग में रंग दे मारा  ..... नेताजी ने शालीनता का पुराना चोला ओढ़ कर 'घोषणा 'की कि 'बेरंगी ' को जाने दिया जाए  .

आड - इवन की महान उपलब्धियों का बखान बिना व्यवधान पुण् शुरू किया गया  ... आड़ -इवन की अभूत पूर्व सफलता को भांपते हुए अब इसे बड़े पैमाने पर चलाया जाएगा  ..... लोगों की असुविधाओं के अध्ययन के उपरांत इस फार्मूले को 'लिंगोनुसार ' आज़माया जाएगा ! एक दिन पुरुष और एक दिन स्त्री  .... रेप कंट्रोल में व्यस्त पुलिस की मौजां ई मौजां  ... बच्चे मन के सच्चे कभी भी किसी के भी साथ  .... किन्नरों और राजनेताओं पर कोई पाबंदी नहीं !

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