हैप्पी लोटा - डे
एल आर गांधी
हैप्पी टायलट डे … चोखी भाई .... सुबह सुबह वोहरा जी की मानिंद गर्दन लटकाए किधर से आ आहे हो … हमने अपने मुँह का फोलक थूकते हुए पूछा ? अमिताभ जी की भांति अपने दोनों खाली हाथ मांजते हुए चोखी लामा बोले ! क्या बोलें मियां ! जंगल पानी का पुराना साथी छूट गया । आज सुबह जब हम एक कूड़े के ढेर की ओट में बैठे 'हलके ' हो रहे थे । तभी न जाने शीला जी के कम्बख्त कुत्ते कुदाली मारते कहाँ से आ टपके और हमारा लोटा लुढ़का दिया … मुआ मिट्टी का ही तो था .... बस टूट गया !
हमने भी 'मोंटेक ' का सा मुँह बना कर 'ओह ' कह कर अफ़सोस जताया और कहा : कोई बात नहीं भाई चोखी हम आपको नया लोटा ला देंगे अरॆ ला देंगे क्या घर पर ही पड़े हैं अभी दे देते हैं .... चोखी पर तो मानो किसी ने हज़ारों लोटे पानी डाल दिया . रशीद अल्वी जी की भांति 'उकता ' कर बोले , सवाल नए लोटे का नहीं मियाँ ! यह लोटा मेरा राज़दार था . इसने मेरा वह सब कुछ देखा था ,जो किसी ने नहीं देखा । अब अपना यह 'सब कुछ ' नए लोटे को दिखाना पड़ेगा … चोखी लामा की व्यथा सुन कर मुझे लगा जैसे 'लोटे ' को देख कर ही फिरंगिओं ने 'टायलट ' शब्द इज़ाद किया था …
चोखी के लोटा प्रेम को देख कर पंजाबी का एक टुच्चा शेर याद आ रहा है … मुलाहिज़ा फरमाएं :
सान्नू सज्जन ओह मिले
जेह्ड़े साथों वी समरत्थ
साडे तेढ लंगोटी , उन्हांदे
आगे पिछे हत्थ
एल आर गांधी
हैप्पी टायलट डे … चोखी भाई .... सुबह सुबह वोहरा जी की मानिंद गर्दन लटकाए किधर से आ आहे हो … हमने अपने मुँह का फोलक थूकते हुए पूछा ? अमिताभ जी की भांति अपने दोनों खाली हाथ मांजते हुए चोखी लामा बोले ! क्या बोलें मियां ! जंगल पानी का पुराना साथी छूट गया । आज सुबह जब हम एक कूड़े के ढेर की ओट में बैठे 'हलके ' हो रहे थे । तभी न जाने शीला जी के कम्बख्त कुत्ते कुदाली मारते कहाँ से आ टपके और हमारा लोटा लुढ़का दिया … मुआ मिट्टी का ही तो था .... बस टूट गया !
हमने भी 'मोंटेक ' का सा मुँह बना कर 'ओह ' कह कर अफ़सोस जताया और कहा : कोई बात नहीं भाई चोखी हम आपको नया लोटा ला देंगे अरॆ ला देंगे क्या घर पर ही पड़े हैं अभी दे देते हैं .... चोखी पर तो मानो किसी ने हज़ारों लोटे पानी डाल दिया . रशीद अल्वी जी की भांति 'उकता ' कर बोले , सवाल नए लोटे का नहीं मियाँ ! यह लोटा मेरा राज़दार था . इसने मेरा वह सब कुछ देखा था ,जो किसी ने नहीं देखा । अब अपना यह 'सब कुछ ' नए लोटे को दिखाना पड़ेगा … चोखी लामा की व्यथा सुन कर मुझे लगा जैसे 'लोटे ' को देख कर ही फिरंगिओं ने 'टायलट ' शब्द इज़ाद किया था …
चोखी के लोटा प्रेम को देख कर पंजाबी का एक टुच्चा शेर याद आ रहा है … मुलाहिज़ा फरमाएं :
सान्नू सज्जन ओह मिले
जेह्ड़े साथों वी समरत्थ
साडे तेढ लंगोटी , उन्हांदे
आगे पिछे हत्थ
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