बुधवार, 20 मार्च 2013

राजमाता का गुस्सा


राजमाता का गुस्सा 

  एल आर गाँधी 

हिन्दुस्तान को कोई भी मुल्क हलके में 'न' ले ...और इटली भी .....राज माता का अपने मायके के प्रति यह गुस्सा ...भारत को बनाना स्टेट मान बैठे लोगों को 'बहुत हो चूका ' का सन्देश  ही तो है. ..?
पहले उड़न खटोलों की खरीद में किरकिरी करवा दी और अब वादा खिलाफी और वह भी ...क़ानून भी कोई चीज़ है की नहीं ...मायके पर इतनी तल्ख़ पहली बार ' दिक्खी ' राजमाता ... और हों भी क्यों न ..क्या कुछ नहीं किया अब तक 'पीहर ' वालों के लिए ... कात्रोची चाचा को बुलाया ..महमान नवाज़ी की सभी सरहदे पार कर दी ..खूब लुटाया .. पकडे गए तो बचाया भी और भगाया भी ...और तो और लूट का पकड़ा गया माल छुड़ाया भी ...अब मायके का हर कोई ऐरा- गेरा  नत्थू- खैरा ...खुद को 'चाचा -कात्रोची' मान बैठे और भाग जाए और वह भी एक नहीं दो- दो क़त्ल कर के ...यह कोई 'पकिस्तान ' नहीं जो 'ब्लड मनी ' मूंह पर मारो और छूट जाओ ....यहाँ कानून का राज चलता है ... कानून के हाथ बहुत लम्बे हैं ...कभी तो इटली तक भी पहुँच ही जाएंगे ...बशर्ते कि मृत मछ्वारों के परिवार कुछ ले दे कर ही मुकर न जाएं ...ब्लड मनी बहुत बड़ी चीज़  है ?
 

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