केज़री बनाम राजभक्त
एल आर गाँधी
कल तक जवाई राजा का बचाव कर रहे थे ....आज लोग मियां जी का बचाव कर रहे है .....बेनी जी का इस्पाती बचाव देखिये .... खुर्शीद मीयां जैसे सीनियर मंत्री महज़ 71 लाख जैसी छोटी रकम नहीं 'हडपेंगे ' हाँ 71 करोड़ जैसी कोई रकम होती तो हम भी मान लेते ....लाखों करोड़ की उचाईयां छूने के बाद 'सिंह ' साहेब की काबिना का कोई इतना सीनियर मंत्री ...इतना गिर जाएगा और वह भी राज माता की ' नाक का बाल 'कोई ऐरा ग़ैरा नत्थू -खैरा नहीं .
बेनी जी ने जब से वीरभद्र जी की रुस्तगी के बाद इस्पात मंत्रालय सम्हाला है ... तब से हर मूसिबतज़दा मंत्री के पीछे 'इस्पात ' की तरहां खड़े नज़र आते हैं .. अब भद्रपुरुष जब हिमाचल में अपनी भूमि फिर से तलाशने में मशरूफ हैं तो किसी ने पुराने जखम कुरेदते हुए महज़ 2 करोड़ की घूंस का इलज़ाम उनके नाम चस्पा कर दिया . बेनी जी फिर से अपने पूर्वर्ती मंत्री जी के पक्ष में 'इस्पात ' की भांति खड़े दिखाई दिए ...फ़ौरन इसे किसी कर्मचारी की चालाकी करार दिया .. सब वीरभद्र जैसे 'इमानदार ' शख्स के नाम पर कंपनी के पैसे डकारने का षड्यंत्र बताया . बेचारे पहले ही बाईस बरस पुराने एक छोटे से दाग को धोने को केंद्र से राज्य में पटक दिए गए हैं ...किसी ने सच ही कहा है बड़े लोगों को छोटे -छोटे ज़ख्म गहराई तक टीसते हैं .
बेचारे हूडा साहेब तो अपनी राजभक्ति का निर्वहन मात्र कर रहे थे ...अब जवाई राजा को अपने राज्य की ज़मीन का एक अदद टुकड़ा नजराना क्या दे दिया ... लगे केजरी - खेमका जैसे ऐरे -गैरे हो हल्ला मचाने
ये क्या जाने राज भक्ति ...इतिहास गवाह है ..कैसे राज भक्त राज परिवार की खातिर अपनी जान तक न्योछावर कर देते थे। यह तो एक ज़मीन का टुकड़ा मात्र है फिर हूडा साहेब को हरियाणा की सरदारी भी तो राजमाता की ही देन है। एक तो बलात्कारियों ने नाक में दम कर रखा है ऊपर से ये केज़री - खेमका .....
राज भक्तों पर आई इस मुसीबत से राजमाता सकते में है .. राजकुमार और राजमाता ने मन बना लिया है
या तो सब बदल डालो या फिर चवन्नी को रुखसत कर खुद सम्हालो !
जय हो भक्तों की और जनता इनकी भक्त है.
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