मंगलवार, 26 जून 2012

फंस गए चोर वर्ना वंस-मोर


फंस गए चोर वर्ना वंस-मोर 
   एल.आर.गाँधी 
सत्ता के भद्रलोक से दो भद्र पुरुषों की आज एक साथ विदाई ,कारण लगभग एक ही .... बस एक का तीर निशाने पर रहा और दूसरा चूक गया.....लिहाज़ा एक अर्श पर तो दूसरा फर्श पर. ... जी हाँ ये हैं कांग्रेस भद्रलोक के दो खिलाडी लगभग एक ही आयु के . एक बंगाल से तो दूसरा हिमाचल प्रदेश से . बंगाली बाबू ने बड़ी चतुराई  से 'राजमाता' की सेवा की और उसके सभी देसी और विदेशी कारनामों पर सफलता से पर्दा डाले रखा. यह बंगाली बाबू की ही कड़ी मेहनत थी कि 'राजमाता' आज विश्व के बीस धनवान राजनेताओं की सूची में चौथी पायदान पर हैं.... और कोई माई का लाल इस राज़ का पर्दाफाश नहीं कर पाया. बंगाली बाबू ने अपने वित्त -राज़- कौशल से कुछ ऐसी गोटियाँ भिडाई ..कि कोई भी बाबा या अन्ना 'राजमाता' के खजाने का  खुल-जा-सिम सिम मन्त्र नहीं जान सकता. फिर राजमाता अपने राजभक्तों को कैसे भूल सकती है... अहसान का क़र्ज़ चुकाया और भेज दिया 'रायसीना हिल्ल्ज़ ' . पिछली बार रसोई सँभालने वाली एक भक्त पर कृपा हुई थी अब कि बारी 'वित्त' सँभालने वाले एक भद्र पुरुष की है. 
पांच बार मुख्य मंत्री रह चुके बीरभद्र जी बीस साल पहले किये एक भ्रष्ट क्रिया कलाप में ऐसे फंसे कि 'राजमाता' को भी भ्रष्ट नज़र आने लगे और हो गई विदाई. भद्रलोक के राज दरबार में जो फंस गया वो चोर वर्ना वंस- मोर . 
हमारा पडोसी लाख हाथ पैर मारे मगर रहेगा तो चोर चोर चचेरा भाई  ही. जोड़ तोड़ कर के किसी तरहं पाक के ज़रदारी मिया 'राजमाता' की धनकुबेर सूची में प्रवेश तो कर गए मगर अटक गए उन्नीसवीं पायदान पर. तिस पर भी महज़ छै करोड़ की एक उच्चक्कागिरी  में फंस गए . महामहिम को बचाते बचाते बेचारे गिलानी जी 'शहीद' हो गए. पाक सुप्रीमकोर्ट ने गिलानी मियां को लाख समझाया कि स्विस सरकार को पत्र लिखो और ज़रदारी के स्विस खातों में पड़ा मुलुक का पैसा मुलुक के गरीब अवाम के हवाले करो. बेचारे गिलानी मिया एक ही रट लगाए रहे कि महामहिम देश के क़ानून से ऊपर की चीज़ हैं... लिहाज़ा हलाल हो गए . 
अब ज़रदारी मियां हमारे नए महामहिम से बचने बचाने के कुछ अचूक नुस्खे सीखने के लिए या तो एक बार फिर से गरीब नवाज़ की दरगाह पर भारत आयेंगे या फिर बंगाली बाबू को अपनी मेहमान नवाजी से नवाजें गे ....

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