शनिवार, 14 अप्रैल 2012

मानवाधिकार के सेकुलर मापदंड


मानवाधिकार के सेकुलर मापदंड 
     एल. आर गाँधी 
आस्तीन  में सांप पालने के राष्ट्रीय व्यसन से ग्रस्त  हमारे च्चिद्दी  मियां वैसाखी के शुभ पर्व पर भारत-पाक दोस्ती व् तिजारत को बढ़ावा देने के लिए अटारी सीमा पर संयुक्त जांच केंद्र के उद्घाटन की तैयारी में व्यस्त हैं, उधर पाक के इस्लामिक आतंक से पीड़ित ४० हिन्दू पडोसी मुल्क से पलायन  करके भारत में आश्रय ढूँढने आ गए हैं. च्चिद्दी मिया पाक द्वारा दिए २६/११ के मुम्बई ज़ख्मों को भुला कर एक ओर पाक-पंजाब के वजीरे-आला शाहबाज़ शरीफ से गलबहियां डाल रहे हैं तो  दूसरी ओर पाक में बचे खुले हिन्दू- सिख परिवार ,इस्लामिक शरिया नियम-कायदों से प्रताड़ित और आतंकित हो कर अपना घर बार छोड़ कर भागने को मजबूर हैं. 
अटारी सीमा पर जश्न में डूबे इन सेकुलर शैतानों को इन उजड़े परिवारों की पीड़ा से कोई सरोकार नहीं और भारत का सेकुलर मिडिया व् सम्पूर्ण केन्द्रीय नेतृतव 'शाहरुख़ खान के लिए दुखी और चिंतित नज़र आ रहा है. एक ओर मिडिया इन पाक के सताए ४० हिन्दुओं का अपने अखबारों व् चेनलों पर ज़िक्र तक करना मुनासिब नहीं समझता , वहीँ शाहरुख़ की खबर से मुख्य पृष्ट अटे पड़े हैं और चेनलों पर सेकुलर मिडिया के रो रो कर आंसू सूख गए हैं. हमारे ' माई नेम इज खान ..आई एम् नॉट ऐ टेररिस्ट ' को फिर से अमेरिका के हवाई अड्डे पर जांच के लिए दो घंटे रोका गया. मास्को से विदेश मंत्री एस.एम् कृष्ण नथुने फुला फुला कर अमेरिका पर गुर्रा रहे हैं. खान साहेब ने भी याले युनिवर्सटी में अपने प्रोग्राम में खूब खुन्नस निकाली. 
अमेरिकी हवाई अड्डों पर हर रोज़ हजारों यात्रियों की जामा तलाशी होती ही है. यहाँ तक की राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आज़ाद की भी जामा तलाशी की गई थी. ९/११ के इस्लामिक आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने अपने देश में प्रवेश करने वाले किसी भी संदिग्ध व्यक्ति पर कड़ी नज़र रखने की निति लागु की हुई है. यही कारन है की इस्लामिक आतंकी फिर से कोई वारदात करने में सफल नहीं हो पाए . आतंक के विरुद्ध जीरो टालरेंस की निति और नियति के कारन ही अमेरिकी आज विश्व्यापी इस्लामिक आतंक से बचे हुए हैं. इसके इलावा अमेरिका हमारी तरहं वोट की राजनीति और आस्तीन में सांप पालने के व्यसन से भी पीड़ित नहीं !
पिछले छह दशकों से पाक के अल्पसंख्यक निरंतर इस्लामिक आतंक का शिकार हो रहे हैं .... यह तो पाक मानवाधिकार आयोग का भी मानना है की प्रति माह लगभग २० हिन्दू कन्याओं को अगवा कर मुस्लिम युवक से ज़बरन निकाह करवा कर मुसलमान बना दिया जाता है. यथार्थ में यह संख्या इससे कई गुना ज्यादन है. ईश निंदा कानून की आड़ में किसी भी अल्पसंख्यक पर झूठा दोष लगा कर जेल में डाल दिया जाता है. आज स्थिति यह है की पाक में अल्पसंख्यांक मात्र डेढ़ प्रतिशत रह गए हैं जब की बंटवारे के वक्त २४% थे. ... जनसँख्या के अनुपात से देखा जाए तो पाक में पिछले ६५ वर्ष में लगभग ३५ मिलियन 'अल्पसंख्यक' अधिकाशत्य 'हिन्दू' या तो मुसलमान बना दिए गए हैं या फिर भगा या मार दिए गए हैं. इसके लिए जितने गुनाहगार पाक के इस्लामिक कट्टरपंथी  अवाम और निजाम है  ,उससे कई गुना ज्यादन भारत के सेकुलर शैतान हैं. 
जो शैतानी  चुप्पी  इन सेकुलर शैतानों ने पाक से उजड़ कर आए इन हिन्दुओं पर साध रखी है ... क्या महज़ एक मुसलमान के पाक पलायन पर साध पाते ...... सम्पूरण सेकुलर मिडिया और राजनेता रू ...दा....ली.....बन छाती पीटते.... 

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