गुरुवार, 24 नवंबर 2011

अब शरद को चांटा

अब शरद को चांटा 
एल.आर.गाँधी 

भ्रष्ट तंत्र से त्रस्त हरविंदर सिंह ने महंगाई के प्रतीक केंट्रीय खाद्य मंत्री के टेढ़े मुंह पर सपाट चांटा जड़ दिया. 
शनिवार को हरविंदर दूरसंचार के पूर्व भ्रस्टाचार मंत्री सुखराम को भी चांटा रसीद कर चुके हैं. अब हरविंदर अपना तीसरा शिकार किस 'सिक-यू-लायर भ्रष्ट नेता को बनाएँगे...महंगाई और भ्रष्टाचार से त्रस्त ' भारतियों'  को इंतज़ार रहेगा.  आज नौंवी पातशाही गुरु तेगबहादुर जी का शहीदी दिवस है. ... आज ही के दिन गुरु जी ने उस वक्त के हुक्मरान ज़ालिम मुगलों के अत्याचार के विरुद्ध आवाज़ बुलंद की और मजलूमों की रक्षा के लिए कुर्बान हो गए. आज के हुक्मरानों के  भ्रष्टाचार और महंगाई की मार से आज आम आदमी त्रस्त है . यह खतरे की एक घंटी है.... सभी राजनेता इस 'काण्ड' को कितना ही नकारें ...मगर सब्र का बाँध टूट रहा है...भ्रत्सना करने से राजनैतिक जवाबदेही चुकने वाली नहीं... राजनेताओं की प्रतिक्रियाओं में 'डर और पाप' साफ़ झलक  रहा है.  
न क्षुधा सम: शत्रु ... आचार्य चाणक्य ने ठीक ही कहा है ... भूख के समान शत्रु नहीं...हमारे खाद्य मंत्री शरद पवार जी आज महंगाई और भूख का प्रतीक बन गए हैं... संचार मंत्रालय में २ जी के सबसे बड़े घोटाले के बाद पूर्व संचार मंत्री सुख राम 'भ्रष्टाचार' के ' रोल माडल ' के रूप में सामने आए हैं जिन पर पिछले १५ साल से कोई कार्यवाही नहीं की गई. अब भूख और भ्रष्टाचार से त्रस्त आम आदमी अपने गुस्से का इज़हार करेगा तो 'गांधीजी  के अनुयायियों ' को अपना दूसरा गाल भी तैयार रखना होगा ? Mark Twain had rightly said ' The lack  of money is the root of all evil.
राज कुमार के अंग राक्षक भी अब चौकन्ने हो जायेंगे ... अब वे राज कुमार को कार का शीशा नीचे कर किसी भिखारी से यह पूछने का रिस्क नहीं उठाने देंगे ' भैया आप किस प्रदेश से हो'. कब कोई भूखा- भिखारी ' अपना भिख्शा पात्र मुंह पर दे मारे तो ?.... पवार साहेब जी की महानता देखो ..वे तो थप्पड़ को चांटा मानने को ही तैयार नहीं !!!!
कांग्रेस  अपने गिरेबान में अब भी झाँकने  को तैयार नहीं लगती .. दोष बी.जे.पी नेता यशवंत सिन्हा पर मढ़ा जा रहा है जिन्होंने हाल ही में चेताया  था की महंगाई -भ्रष्टाचार से त्रस्त लोग हिंसक हो सकते हैं.. हुक्मरानों को जनता के विश्व व्यापी मूड परिवर्तन को समझाना होगा ... अरब क्रांति का सन्देश साफ़ है ... त्रस्त भूखी,बीमार, लाचार जनता अब केवल मरेगी नहीं .....मारेगी भी !!!
तुमसे पहले जो यहाँ तख़्त नशीं था 
उसको भी अपने खुदा होने पर इतना ही यकीं था. 

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