शनिवार, 18 जून 2011

नौकरों की भाषा ...हिंदी



नौकरों  की  भाषा  ...हिंदी 

       एल.आर गाँधी 

लन्दन के बड़े अखबार द डेली टेलीग्राम ने ४ जून के अपने अंक में रहस्योदघाटन किया है कि सोनिया गाँधी राष्ट्र भाषा हिंदी को केवल नौकरों द्वारा बोली जाने वाली भाषा मानती है. 
ठीक ही तो है जब डेढ़ दशक पुराणी पार्टी एक विदेशी महिला को अपना 'आका ' मान बैठी है और छोटे बड़े नेता तो क्या देश का प्रधान मंत्री भी खुद को सार्वजानिक तौर पर  मैडम का 'चाकर' मानता है तो मैडम के काले अंग्रेजों से और तवक्को भी क्या की जा सकती है कि वे हिन्दुस्तानियों को गुलाम और राष्ट्र भाषा को नौकरों/गुलामों की भाषा समझें. 
देश में जब राष्ट्रिय सम्मान के लिए भारतीय संघर्ष कर रहे हों और अन्ना-रामदेव के नेतृत्त्व में भ्रष्टाचार और काले धन को विदेशी बैंकों से वापिस लाने के लिए देश की जनता सड़कों पर भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ आन्दोलन कर रही हो , ऐसे वक्त में कांग्रसियों की राजमाता और  राज कुमार अपनी साथियों सहित एक निजी जेट से स्विस्त्रलैंड की व्यापारिक यात्रा पर हैं ? जाहिर है वहां के बैंकों में पड़ा अपना काला धन ठिकाने भी तो लगाना है.सुब्रमनियम स्वामी ने तो पहले ही देश वासियों को आगाह कर दिया है कि स्विस बैंकों में सोनिया जी का एक लाख करोड़ का काला धन जमा है. दिग्गी मियां ने इस का खंडन भी तो नहीं किया. 
देश को इन काले अंग्रेजों के चंगुल से छुडवाने के लिए -एक और आज़ादी की लड़ाई लड़ी जनि बाकी है.  

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