गुरुवार, 26 नवंबर 2009

चाचा चोर भतीजी काजी -जागो मोहन प्यारे

चाचा चोर भतीजी काजी -मनमोहन राज़ी का राज़ी - जागो मोहन प्यारे ......
सी बी आइ के आला अफसर किस कदर क्वात्रोकी चाचा को बचाने के लिए झूठ फरेब की सभी हदें पार किये जा रहे हैं, का एक और प्रमाण सामने आया है. आर टी आई के तैहत क्वात्रोकी के बारे में मांगी एक जानकारी देने से सी बी आई ने साफ़ इनकार कर दिया -कारन बताया कि इस से दोषी के खिलाफ अभियोजन और पकडे जाने में अड़चन आयगी.क्वात्रोकी केखिलाफ सभी मामले बंद करने का निर्णय यह सरकारी जाँच एजेंसी पहले ही किये बैठी है. फिर यह नई अड़चन का अडंगा कहाँ से आ गया. ज़ाहिर है चाचा कि भतीजी की नाराज़गी से बचने या फिर उसे खुश रख कर कुछ हासिल करने की होड़ लगी है एजेंसी के आला अफसरों में. सी बी आई के पूर्व निदेशक जोगिन्दर सिंह खुद स्विस बैंकों से क्वात्रोकी का कच्चा चिठा लाये थे जिसमें दलाली के २१ करोड़ के खाते का खुलासा हुआ था. किस प्रकार चाचा को पहले भगाया और बचाया गया और फिर दलाली का पैसा दिलवाया गया किसी से छुपा नहीं. सत्ता के दलाल देश के राज परिवार के प्रति अपनी स्वामी भक्ति व्यक्त करने में व्यस्त हैं. बोफोर जाँच के नाम पर कंहीं पे निगाहें कहिएं पे निशाना का खेल बरसों से खेल रहे हैं. क्वात्रोकी के खिलाफ दिल्ली कोर्ट में अधूरे डोकुमेंट लगा कर मामला रफादफा करवा दिया. स्विस कोर्ट में इस बिनाह पर क्वात्रोच बच गए कि उस वक्त दलाली लेना देश के क़ानून में गुनाह था हीनहीं.
गरीब देश के अमीर चोरों का ७० लाख करोड़ रूपया स्विस बैंको से वापिसी की उम्मीद हम इन चोर चोर चचेरे भाईओं से लगाए बैठे हैं. जागो... मोहन प्यारे ...

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