बापू का पाक प्रेम
एल आर गांधी
जब मेरा काम यहाँ ख़त्म हो जाएगा ,मैं पाकिस्तान चला जाऊंगा ! बापू पाकिस्तान से बहुत प्यार करते थे ..... इसी बेहद प्यार के चलते उनसे रहा न गया ...... जब केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पटेल के आग्रह पर पाकिस्तान को दिए जाने वाले ५५ करोड़ बकाए पर रोक लगाने का प्रस्ताव पास किया ,कारण था पाक द्वारा भारत के कश्मीर के एक बड़े भू भाग को हथिया लिया ..... सरकार के इस फैसले से 'बड़ी सरकार ' खफा हो गई और जा बैठे कैकई के कोप भवन में ..... शाम को सरकार फिर बैठी और अपना फैसला वापिस ले लिया .... बापू खुश हुआ।
बापू सपने बहुत देखते थे ...वैसे तो हमारे 'चाचा ' जी भी बहुत सपने देखते थे .... कश्मीरियत ,चीन को तिब्बत दान , यू इन ओ की सुरक्षा सीट , नेता जी को देश से दूर रखने का सपना .... सिर्फ अपना और अपने परिवार का नाम ' चारों ओर ' बाकी सब चरखे !
यदि गोडसे भाई ने बापू का वध न किया होता तो बापू अपना एक और सपना भी सच करके ही मानते ! बापू के प्रिय कायदे आज़म मुहम्मद अली जिन्नाह चाहते थे कि हिन्दुस्तान के बीचो बीच एक कॉरिडोर बनाया जाए ... यह कॉरिडोर पश्चमी पाक से पूर्वी पाकिस्तान तक जाए .... बापू को भी अपने दोनों बिछड़े भाईओं से मिलने में आसानी होगी ! बापू लोक सेवा संघ बना कर बाकी जीवन पाकिस्तानियों की सेवा में समर्पित करना चाहते थे जिन्ना भी बापू से सहमत से प्रतीत होते थे .... एक बार जब नेहरू ने जिन्ना के बम्बई निवास के बारे में पूछा तो उसने झट से जवाब दिया , मैं तो उस घर में आ कर रहूँगा ! बच्चों के चाचा 'मान' गए ! २६/११ को वे जिन्ना के भूत ही तो थे जिन्होंने मुंबई में बापू की लोक सेवा का सपना पूरा कर दिखाया !
पाक और बांग्ला देश से 'शान्ति दूतों' का जन सैलाब सँभालने में हमारी सुरक्षा एजेंसियां खून-पसीने से तर-ब-तर हैं .... यदि बापू का कॉरिडोर बन जाता तो आज चाचू की काश्मीर समस्या बहुत बौनी प्रतीत होती .... बापू के दिलहराज़ीज़ 'शांतिदूत ' पूरे हिन्दुस्तान में जन्नत-जेहाद ,हूरें -लौंडे ..... आबे -हयात में डुबकियां लगा रहे होते .... चाचा- बापू जन्नत या जहन्नुम से हूरों के साथ नीरा पीते हुए अपनी सहिषुणता और ब्रह्मचर्य सयम की परीक्षा में लगे सब देख रहे होते !
एल आर गांधी
जब मेरा काम यहाँ ख़त्म हो जाएगा ,मैं पाकिस्तान चला जाऊंगा ! बापू पाकिस्तान से बहुत प्यार करते थे ..... इसी बेहद प्यार के चलते उनसे रहा न गया ...... जब केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पटेल के आग्रह पर पाकिस्तान को दिए जाने वाले ५५ करोड़ बकाए पर रोक लगाने का प्रस्ताव पास किया ,कारण था पाक द्वारा भारत के कश्मीर के एक बड़े भू भाग को हथिया लिया ..... सरकार के इस फैसले से 'बड़ी सरकार ' खफा हो गई और जा बैठे कैकई के कोप भवन में ..... शाम को सरकार फिर बैठी और अपना फैसला वापिस ले लिया .... बापू खुश हुआ।
बापू सपने बहुत देखते थे ...वैसे तो हमारे 'चाचा ' जी भी बहुत सपने देखते थे .... कश्मीरियत ,चीन को तिब्बत दान , यू इन ओ की सुरक्षा सीट , नेता जी को देश से दूर रखने का सपना .... सिर्फ अपना और अपने परिवार का नाम ' चारों ओर ' बाकी सब चरखे !
यदि गोडसे भाई ने बापू का वध न किया होता तो बापू अपना एक और सपना भी सच करके ही मानते ! बापू के प्रिय कायदे आज़म मुहम्मद अली जिन्नाह चाहते थे कि हिन्दुस्तान के बीचो बीच एक कॉरिडोर बनाया जाए ... यह कॉरिडोर पश्चमी पाक से पूर्वी पाकिस्तान तक जाए .... बापू को भी अपने दोनों बिछड़े भाईओं से मिलने में आसानी होगी ! बापू लोक सेवा संघ बना कर बाकी जीवन पाकिस्तानियों की सेवा में समर्पित करना चाहते थे जिन्ना भी बापू से सहमत से प्रतीत होते थे .... एक बार जब नेहरू ने जिन्ना के बम्बई निवास के बारे में पूछा तो उसने झट से जवाब दिया , मैं तो उस घर में आ कर रहूँगा ! बच्चों के चाचा 'मान' गए ! २६/११ को वे जिन्ना के भूत ही तो थे जिन्होंने मुंबई में बापू की लोक सेवा का सपना पूरा कर दिखाया !
पाक और बांग्ला देश से 'शान्ति दूतों' का जन सैलाब सँभालने में हमारी सुरक्षा एजेंसियां खून-पसीने से तर-ब-तर हैं .... यदि बापू का कॉरिडोर बन जाता तो आज चाचू की काश्मीर समस्या बहुत बौनी प्रतीत होती .... बापू के दिलहराज़ीज़ 'शांतिदूत ' पूरे हिन्दुस्तान में जन्नत-जेहाद ,हूरें -लौंडे ..... आबे -हयात में डुबकियां लगा रहे होते .... चाचा- बापू जन्नत या जहन्नुम से हूरों के साथ नीरा पीते हुए अपनी सहिषुणता और ब्रह्मचर्य सयम की परीक्षा में लगे सब देख रहे होते !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें