शुक्रवार, 29 जून 2018




सिकुलर सोच 

एल आर गाँधी 

इण्डिया के सभी सिकुलर खामोश थे बिलकुल बापू की माफिक  ..... बापू के देस में ५६ कारसेवक जाहिर है  ...हे राम ! को मानने वाले हिन्दू  !    ट्रेन के डिब्बों में जला कर मार डाले ! हिन्दू ने तो जलना ही था जिन्दा जले या मुर्दा क्या फर्क पड़ता है ! सभी सिकुलर भी इसी लिए चुप थे कि हिन्दू की धार्मिक आस्था  ...जलने की नियति को तो कोई आघात नहीं पहुँचाया गया !
यकायक सिकुलर समाज में कोहराम मच गया !  जब चंद कमियुनक हिन्दुओं ने मुस्लिम 'भाइयों 'को मार कर जलाना शुरू कर दिया  ...सिकुलरों का कोहराम ' मारने '  पर कतई नहीं था ! अरे मुस्लिम को जलाना  ... 'लाहौलविलाकूवत 'यह तो मुस्लिम भाईओं की मज़हबी आस्था पर 'प्रहार ' हुआ न   ..... दफनाते तो बात और थी।  
एक महा सैकुलर खबरी 'रविश ' ने तो विलाप करते करते अपनी घडी ही तोड़ डाली  .... महान सैकुलर श्री श्री राज दीप जी सरदेसाई जी की तो घिघि ही बंध  गई ! गोधरा के घर घर जा कर पूरी तफ्सील से काफिर हिन्दुओं की करतूत बयान की ! और तो और सरजी ने सरे आम ऐलान कर दिया कि जब तक एक हज़ार 'काफिरो ' को जलाया नहीं जाएगा तब तक वो अपनी कलम से केवल कलमा ही लिखेंगे !  
इसे कहते हैं महात्मा गाँधी उर्फ़ बापू वाला सिकुलरिज़्म  ...... 


सारे हिन्दुस्तान के सिकुलरों ने मोदी हटाओ सिकुलरिज़्म बचाओ की मुहीम इस कदर चलाई कि जन मानस 'मुहीम की ओवर डोज़ ' की उलटी कर बैठा  .... मोदी को बापू के गुजरात से हटा कर 'धियासुदीन के वंशजों की ' गद्दी '  दिल्ली पर बैठा दिया।  

बुधवार, 2 मई 2018

१३वां प्रदूषित शहर - पटियाला

१३वां प्रदूषित शहर - पटियाला

       एल आर गाँधी 

शाही शहर , बाग़ों की नगरी , रजवाड़ों की रियासत  ..... पटियाला पैग के साथ साथ एक और 'तुरर्रा ' आज पटियालविओं की शान में जुड़ गया है  ....... वह है 'प्रदूषित शहर ' का ! 
विश्व के १५ अति प्रदूषित नगरों में हमारे १४ नगरों पर यह 'कलंक ' नासिर हुआ है  ....और शाही शहर का स्थान तेहरवां है  ....संतोष की बात यह है कि हमारे साथ कतार में देश की राजधानी दिल्ली के साथ साथ मोदी जी की पवित्र नगरी वाराणसी उर्फ़ बनारस भी है। 
पटियाला को सीएम की सिटी होने का भी गौरव प्राप्त है  ..... अक्सर प्रदूषित नगरों में प्रदूषण का मुख्य कारण इंडस्ट्री को माना  जाता है  ...मगर नाम मात्र भी इंडस्ट्री न होने पर भी पटियालवी प्रदूषण का यह कलंक ' ढो रहे हैं  .... पटियाला को देश का पहला 'हैबिटाट 'सिटी होने का भी गौरव प्राप्त है  ..... ७० के दशक में छोटे राज कुमार श्री श्री संजय गाँधी जी ने इस योजना का श्री गणेश किया  ...केंद्र का करोड़ो रूपया शाही शहर की सेहत संवारने पर खर्च किया गया  ....मगर बागों का नगर और भी वीरान हो गया  . 
फिर वीपी सिंह के दौर में इस शहर पर फिर से केंद्र सरकार मेहरवान हुई ! इस बार इसे ५ काउंटरमैग्नेट ऑफ़ कैपिटल सिटीज़ में से एक चुना गया  ... अकूत धन पटियाला की नुहार सधारने पर खर्च हुआ  ...नतीजा वही ढाक के तीन पात।  
पटियालविओं ने 'पटियाला पैंग ' पी पी के खूब भंगड़े पाए ' जदों साढे महाराजा साहेब पंजाब दे वज़ीर इ आला चुने गए ' ..... सब नूँ एह आस सी कि पटियाला हुन शर्तिया पैरिस बन जू  गा ! खैर सात महीने के बाद आखिर इंतज़ार की घड़ियाँ  ख़त्म हुए  ....महाराजा साहेब पटियाला पधारे और पटियाला की चहुमुखी तरक्की के लिए यक लख्त १००० करोड़ रूपए अलाट कर दिए  .......' करप्ट ' कार्पोरेशन के एक कम साठ कार्पोरेट्ज़ की बांछें खिल गयी  ..... पटियाला को पैरिस कैसे बनाया जाए की योजना बंदी अभी हो ही रही थी कि डब्ल्यू एच ओ ने पटियालविओं के माथे पर मोस्ट पॉल्यूटेड सिटी का 'कलंक ' चस्पा कर दिया। ....... 
हम तो समझे थे कि बरसात में बरसे गी शराब 
आई बरसात और बरसात ने दिल तोड़ दिया !!!!!!!