वाह मियां वाह
एल आर गांधी
वाह मोहम्मद मियां वाह .... महज़ ३५ की बाली उम्र में ६२ बीवियां … वाह .... एक हम हैं कि ६२ की उम्र में महज़ एक से ही किसी तरहां निभा रहे हैं … आज आपकी जिन्दा दिल जिंदगी अखबार में पढ़ कर आँखें सावन -भादों हुई जा रहीं हैं … सच्चे सैकुलर मुसलमान की मानिंद मोहम्मद मियां ने बीवियां चुनने में अपने दिल की सभी खिड़कियां खोल दीं … मुसलमान हो या हिन्दू … निकाह हो या सात फेरे … मोहम्मद निज़ाम या मोहम्मद सुजान या फिर राजकुमार राय ऐसे ही दर्ज़नो नाम …
हम यहाँ एक बीवी से आधी बात छुपाते हैं तो रंगे हाथो धरे जाते हैं … और मोहम्मद मिया ? कमाल तो देखो ! ६२ बीवियों को भनक तक नहीं लगने दी … कुछ को तो तीन तलाक फरमा कर रुखसत भी कर चुके हैं … बिहार से ले कर बंगाल तक मियां के ससुराल हैं .... खुद को रेलवे का अफसर जो बताया था … सभी बीवियां पटरियों पर आँखें बिछाए जुल्मी सईयां की बाट जोहती … और टी टी के आखरी डिब्बे को टकटकी लगाए निहारती रहतीं .
चाय की चुस्कियों संग हम अखबार में अभी 'मोहम्मद ' मियां के मुखारविंद को निहार ही रहे थे कि मैडम की जासूस नज़र खबर की हेड लाईन पर पड़ गई … उम्र :३५ ,नाम दर्ज़न भर ,बीवियां : ६२ , पेशा : ठगी … सठिया गए हो मियां सुबह सुबह भगवान का नाम , पूजा पाठ तो क्या करना … बैठे हैं ६२ बीवियों पर टकटकी लगाए … शुक्र नहीं करते कि एक मिल गई .... चाय की चुस्की कड़वी नीट विस्की से भी कड़वी लगने लगी .... काश हम भी तलाक तलाक तलाक कहने की जुर्रत जुटा पाते !
एल आर गांधी
वाह मोहम्मद मियां वाह .... महज़ ३५ की बाली उम्र में ६२ बीवियां … वाह .... एक हम हैं कि ६२ की उम्र में महज़ एक से ही किसी तरहां निभा रहे हैं … आज आपकी जिन्दा दिल जिंदगी अखबार में पढ़ कर आँखें सावन -भादों हुई जा रहीं हैं … सच्चे सैकुलर मुसलमान की मानिंद मोहम्मद मियां ने बीवियां चुनने में अपने दिल की सभी खिड़कियां खोल दीं … मुसलमान हो या हिन्दू … निकाह हो या सात फेरे … मोहम्मद निज़ाम या मोहम्मद सुजान या फिर राजकुमार राय ऐसे ही दर्ज़नो नाम …
हम यहाँ एक बीवी से आधी बात छुपाते हैं तो रंगे हाथो धरे जाते हैं … और मोहम्मद मिया ? कमाल तो देखो ! ६२ बीवियों को भनक तक नहीं लगने दी … कुछ को तो तीन तलाक फरमा कर रुखसत भी कर चुके हैं … बिहार से ले कर बंगाल तक मियां के ससुराल हैं .... खुद को रेलवे का अफसर जो बताया था … सभी बीवियां पटरियों पर आँखें बिछाए जुल्मी सईयां की बाट जोहती … और टी टी के आखरी डिब्बे को टकटकी लगाए निहारती रहतीं .
चाय की चुस्कियों संग हम अखबार में अभी 'मोहम्मद ' मियां के मुखारविंद को निहार ही रहे थे कि मैडम की जासूस नज़र खबर की हेड लाईन पर पड़ गई … उम्र :३५ ,नाम दर्ज़न भर ,बीवियां : ६२ , पेशा : ठगी … सठिया गए हो मियां सुबह सुबह भगवान का नाम , पूजा पाठ तो क्या करना … बैठे हैं ६२ बीवियों पर टकटकी लगाए … शुक्र नहीं करते कि एक मिल गई .... चाय की चुस्की कड़वी नीट विस्की से भी कड़वी लगने लगी .... काश हम भी तलाक तलाक तलाक कहने की जुर्रत जुटा पाते !