बुधवार, 5 मई 2010

वहां जेहाद की फैक्ट्री... यहाँ कारखाना.

आतंक का कारखाना पाक हर वर्ष १०००० जेहादी तैयार करता है ताकि दुनिया में इस्लाम का परचम बुलंद किया जाये। वाशिंगटन टाइम्स के एडिटर एट लार्ज अरनौद बोर्क्ग्रेव ने रहस्योदघाटन किया है कि पाक के ११००० मदरसों से पांच लाख ऐसे तालिबान युवक मज़हबी तालीम लेकर निकलते हैं जिनकी आयु १६ साल के करीब होती है। इन युवकों को मात्र उलेमा या इमाम के सिवा कोई और नौकरी की योग्यता न होने के कारन ये बड़ी आसानी से कट्टपंथी जेहादी संगठनों कि पनाह में पहुँच जाते हैं। इन्हें इन आतंकी शिविरों में अमेरिका, भारत और इजराइल के खिलाफ भड़काया जाता है। इन संगठनों को पाक आर्मी का पूरा संरक्षण प्राप्त है। कियोंकि पाक आर्मी का मोटो ही इस्लाम कि राह में विश्वास ,मज़हब और जेहाद है। मिलटरी के प्रशिक्षण केन्द्रों में फौजी अफसरों को मिलट्री मैनुअल ऑन जेहाद में कुरान की युद्ध नीति पढाई जाती है।
इस जेहाद की फैक्ट्री से अमरीका आतंक के खिलाफ युद्ध की उमीद लगाए बैठा है। अमरीका के होश उड़ गए जब इसी फैक्ट्री का एक' कारतूस 'फैज़ल शेह्ज़ल नियु योर्क के ऍफ़ कनेडी हवाई अड्डे से दुबई भागने से पूर्व पकड़ा गया। यह आतंकी पाक-अमेरिका का नागरिक था और पकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग और बम बनाने का प्रशिक्षण वजीरिस्तान से ले कर आया था।
हमारी सेकुलर सरकार भी आतंक के खिलाफ मैदान में है। पाक में आतंक की महज़ ११००० फैक्ट्रियां ( मदरसे) हैं और हमारे यहाँ ३,५०,००० जहाँ पर १६ साल तक के युवकों को इस्लाम की मज़हबी तालीम दी जाती है। ये युवक केवल मात्र इमाम और उलेमा की नौकरी के योग्य हैं, अर्थात किसी काम धंधे या सरकारी नौकरी के योग्य बिक्लुल नहीं। इन मदरसों के सुधार और आधुनिक शिक्षा के सरकार के सभी प्रयास इस्लाम के रहनुमा नक्कार देते हैं।
पाक को उपदेश देने से पहले हमारी सेकुलर सरकार , अपने गिरेबान में झाँक कर तो देख ले । मुस्लिम तुष्टिकरण के चलते हज यात्रिओं को हर साल ८२६ करोड़ की सब्सिडी देने वाले ये सेकुलर भारत के सफ़ेद पोश कब होश में आयेंगे' खुदा जाने'....