जाकी पप्पू
पार्टी की महिला प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए अचानक ही 'भावुक' हो गए 'राजकुमार ' यह क्या कह गए .... मंदिरों में जाने वाले ,महिलाओं को माँ -बहिन -देवी कहने वाले ही उन्हें बसों में छेड़ते हैं।
इतनी करारी हार के बाद तो अच्छे अच्छों का मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है .... मगर राहुलजी का जाकी मिजाज़ जस का तस कायम है .... चुनाव संग्राम में भी टाफी खा -खा कर खूब गुबारे उड़ाते रहे … गरीबी
क्या है … सब बकवास - महज़ इक मानसिक अवस्था है .... केरल के कांग्रेसी नेता मियां मुस्तफा ने जनाब को जोकर क्या कह दिया , पारिवारिक मसखरों ने मुस्तफा को बर्खास्त करवा कर ही दम लिया … अब 'जोंक' जोक नहीं करेगा तो क्या कुमार बिस्वास करेगा …
राहुलजी को यह उपहास -ज्ञान अपने गुरु दिग्गी -मियां जी से गुरु-दक्षिणा में मिला .... और दिग्गी मियां को अपने गुरु श्री श्री जगद्गुरुजी से। तभी तो दिग्गी मियां किसी दुष्ट -आतंकी के आगे-पीछे ' श्री और जी' लगाना नहीं भूलते।
चेले से अधिक गुरु को कौन जानता होगा … दिग्गी मियां अपनी बेटी की आयु की महिला से ही इश्क लड़ा बैठे … मंदिर में देवी जी के साथ खूब आरती करते दिखे … अब चेला ऐसे बगुला- भक्तों से अपने दल की देविओं को आगाह कर रहे हैं … मज़ाक है क्या ?