माँ भी काफिर .....
एल आर गांधी
पाक कप्तान अफरीदी ने भारत की मेहमान -नवाज़ी की तारीफ क्या कर दी .... पाक में तूफ़ान बरपा हो गया। कुछ लोगों ने तो अफरीदी को 'देशद्रोही ' तक कह दिया। पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद ने भी अफरीदी की खूब खबर ली .... चलो मियां मियांदाद की तकलीफ तो समझ में आती है , भारत के दुश्मन नम्बर एक दाऊद के समधी जो ठहरे ...जिसके कारण उनका भारत में प्रवेश निषेध है।
गले पर छुरी रख दो , फिर भी भारत माता की जय नहीं बोलूंगा ... इस्लाम के 'सच्चे ' पैरोकार असदुद्दीन ओबीसी, भारत में रहते हुए भारत माँ से 'नफरत ' ! इनके भाई अकबरुदीन को पाकिस्तानियों की तरह सभी हिन्दुओं से 'नफरत ' है ... कहते हैं १५ मिनट के लिए फ़ौज़ हटा दो सारे हिन्दुओं को 'निपटा ' देंगे। अब इनको देश द्रोही न कहें तो और क्या ?
हमारे राष्ट्रीय दल कांग्रेस के दत्तकपुत्र गुलाम नबी आज़ाद आर एस एस को विश्व के शीर्ष आतंकी संगठन आई इस के समान मानते हैं .... और इसकी पुष्टि दल की महारानी ने सन्देश पर 'उर्दू में दस्तक ' करके कर दी।
इसके पीछे इस्लाम की वही सोच है जिस में सभी गैर मुस्लिमों को 'काफिर' माना जाता है और काफिरों को मारना 'शबाब' का काम ! इनके नबी एक अर्से के बाद अपनी माँ की 'समाधि ' पर गए तो एक शिष्य ने पूछा ! माँ को जन्नत नसीब हो ! क्या अल्लाह से फरयाद नहीं करेंगे ? तो उन्होंने फ़रमाया ! नहीं वह काफिर थी !
ओबीसी साहेब के लिए भी भारत माँ काफिर है .... हलाल हो जाएंगे पर 'जय ' नहीं बोलेंगे !
एल आर गांधी
पाक कप्तान अफरीदी ने भारत की मेहमान -नवाज़ी की तारीफ क्या कर दी .... पाक में तूफ़ान बरपा हो गया। कुछ लोगों ने तो अफरीदी को 'देशद्रोही ' तक कह दिया। पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद ने भी अफरीदी की खूब खबर ली .... चलो मियां मियांदाद की तकलीफ तो समझ में आती है , भारत के दुश्मन नम्बर एक दाऊद के समधी जो ठहरे ...जिसके कारण उनका भारत में प्रवेश निषेध है।
गले पर छुरी रख दो , फिर भी भारत माता की जय नहीं बोलूंगा ... इस्लाम के 'सच्चे ' पैरोकार असदुद्दीन ओबीसी, भारत में रहते हुए भारत माँ से 'नफरत ' ! इनके भाई अकबरुदीन को पाकिस्तानियों की तरह सभी हिन्दुओं से 'नफरत ' है ... कहते हैं १५ मिनट के लिए फ़ौज़ हटा दो सारे हिन्दुओं को 'निपटा ' देंगे। अब इनको देश द्रोही न कहें तो और क्या ?
हमारे राष्ट्रीय दल कांग्रेस के दत्तकपुत्र गुलाम नबी आज़ाद आर एस एस को विश्व के शीर्ष आतंकी संगठन आई इस के समान मानते हैं .... और इसकी पुष्टि दल की महारानी ने सन्देश पर 'उर्दू में दस्तक ' करके कर दी।
इसके पीछे इस्लाम की वही सोच है जिस में सभी गैर मुस्लिमों को 'काफिर' माना जाता है और काफिरों को मारना 'शबाब' का काम ! इनके नबी एक अर्से के बाद अपनी माँ की 'समाधि ' पर गए तो एक शिष्य ने पूछा ! माँ को जन्नत नसीब हो ! क्या अल्लाह से फरयाद नहीं करेंगे ? तो उन्होंने फ़रमाया ! नहीं वह काफिर थी !
ओबीसी साहेब के लिए भी भारत माँ काफिर है .... हलाल हो जाएंगे पर 'जय ' नहीं बोलेंगे !