क्या १६ फरवरी को अब 'ईमानदारी से लूट खसूट' ' दिवस के रूप में मनाया जाए . जिस प्रकार पत्रकारों के समक्ष हमारे 'चोरों के सरदार ' और फिर भी इमानदार ? प्रधानमंत्रीजी ने अपनी सरकार के महां घोटालों पर अभूतपूर्व सफाई दी है- उससे तो 'चोरी और सीना जोरी' की कहावत ही चिर्तार्थ होती है. फिर सरदार साहेब ने 2G की लूट की गरीबों के निवाले से तुलना कर अपनी ' ईमानदार' छवि को 'चार चाँद' लगा दिए हैं.
वाकई...
जवाब देंहटाएंyahi sab chalta raha to manana hi padega....
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