चारा -बेचारा
एल आर गांधी
स्व : खुशवंत सिंह जी ने भी क्या खूब कहा था ..... यह सफेद राबड़ी भी उन्हीं काली भैंसों के दूध से बनी है ,जिनका चारा लालू जी खा गए ! ९०० करोड़ का चारा गटक गए ..... अंदर गए ! मगर क़ानून के लम्बे हाथ बौने पड़ गए। आज बिहार के सिकुलर समाज की खूब हजामत बना रहे हैं।
बिहार की न्याय व्यवस्था के भविष्य .... ला कालेज के दीक्षांत समारोह के में जनाब 'मुख्यातिथि ' थे। लगे हाथों सिंगोरा गांधी को ईमानदारी का 'भारत रत्न ' भी दे डाला ! बोले ! सोनिया बेईमान तो देश में नहीं कोई ईमानदार ! सिंगोरा जी की चका -चक सफेद साडी और लालू जी की ' राबड़ी ' में दाग़ ? .... नो वे ! केजरी की खांसी और कन्हैया की आज़ादी : गवाह हैं।
ईमानदारी -आज़ादी -देश द्रोह - राष्ट्र ध्वज पर एक नई इबारत लिखी जा रही है ..... ईमानदार वह जो भिखारी वोटरों के वोट बटोर ले .... बैगरज हैज़ नो चॉइस ! देश की बर्बादी का नारा बुद्धि जीवियों की आज़ादी हो गया। सुरक्षा में सेंध मारी अब देश द्रोह नहीं ! देश द्रोही अगस्ता चॉपर की ऊंचाइयां माप रहे हैं।
भिखारियों को लुभाने के लिए एक्सपर्ट नीतिकारों की सेवाएं खरीदी जा रही हैं। ... लोक तंत्र बाज़ारू रंडी की माफिक सज -धज कर सत्ता के दलालों में घिरा है .... सफेद साड़ी का ज़माना है .... बापू की धोती से बू आती है .... महात्मा गांधी .... सँगोरा गांधी हो गया है ..... ऊंची उड़ान को अगस्ता चॉपर खड़ा है !
एल आर गांधी
स्व : खुशवंत सिंह जी ने भी क्या खूब कहा था ..... यह सफेद राबड़ी भी उन्हीं काली भैंसों के दूध से बनी है ,जिनका चारा लालू जी खा गए ! ९०० करोड़ का चारा गटक गए ..... अंदर गए ! मगर क़ानून के लम्बे हाथ बौने पड़ गए। आज बिहार के सिकुलर समाज की खूब हजामत बना रहे हैं।
बिहार की न्याय व्यवस्था के भविष्य .... ला कालेज के दीक्षांत समारोह के में जनाब 'मुख्यातिथि ' थे। लगे हाथों सिंगोरा गांधी को ईमानदारी का 'भारत रत्न ' भी दे डाला ! बोले ! सोनिया बेईमान तो देश में नहीं कोई ईमानदार ! सिंगोरा जी की चका -चक सफेद साडी और लालू जी की ' राबड़ी ' में दाग़ ? .... नो वे ! केजरी की खांसी और कन्हैया की आज़ादी : गवाह हैं।
ईमानदारी -आज़ादी -देश द्रोह - राष्ट्र ध्वज पर एक नई इबारत लिखी जा रही है ..... ईमानदार वह जो भिखारी वोटरों के वोट बटोर ले .... बैगरज हैज़ नो चॉइस ! देश की बर्बादी का नारा बुद्धि जीवियों की आज़ादी हो गया। सुरक्षा में सेंध मारी अब देश द्रोह नहीं ! देश द्रोही अगस्ता चॉपर की ऊंचाइयां माप रहे हैं।
भिखारियों को लुभाने के लिए एक्सपर्ट नीतिकारों की सेवाएं खरीदी जा रही हैं। ... लोक तंत्र बाज़ारू रंडी की माफिक सज -धज कर सत्ता के दलालों में घिरा है .... सफेद साड़ी का ज़माना है .... बापू की धोती से बू आती है .... महात्मा गांधी .... सँगोरा गांधी हो गया है ..... ऊंची उड़ान को अगस्ता चॉपर खड़ा है !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें