३० जुलाई २०१५ इतिहास के झरोखे से
एल आर गांधी
३० जुलाई २०१५ देश के इतिहास में एक 'संधिकाल ' के रूप में याद किया जाएगा।
आज ही के दिन महान देश भक्त वैज्ञानिक पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी का अंतिम संस्कार हुआ और पूरे देश ने उन्हें अर्शु पूर्ण श्रद्धांजलि दी ....... दूसरी और १९९३ के मुंबई धमाकों के मास्टर माइंड याकूब मेमन को भी फांसी और सपुर्दे -ख़ाक किया गया … हज़ारों दीनदारों ने इस ७२ हूरों के तलबगार जेहादी के ज़नाज़े के जुलूस में शिरकत कर साफ़ कर दिया कि इस्लाम और शरीयत में अक़ीदा रखने वाले सिर्फ अपने दीन से बाव्फ़ा हैं .... राष्ट्र भक्ति उनके लिए बेमानी हैं .... दारुल इस्लाम ही उनका अंतिम लक्ष्य है।
इतिहास की दिवार पर साफ़ साफ़ लिखा है …… हिंदुस्तान का मुस्तक़बिल ! … पाकिस्तान, बांग्लादेश , अफगानिस्तान ,ईरान , ईराक मियांमार … काश्मीर …… ' आइना देखिये '
बंटवारे के वक्त भारत में हिन्दू ३३ करोड़ ९०% , मुस्लिम ३ करोड़ ८% और ईसाई ०.७ करोड़ २% थे जो अब
हिन्दू ८२ करोड़ ७३. ९ % और मुसलमान २५ करोड़ २२. ५ % हैं बाकि अन्य। प्रति वर्ष ग्रोथ रेट है हिन्दू
४. ०७% , मुस्लिम १३. ७ % और ईसाई ३. ६% .
२०३५ आते आते यह अनुपात याकूब मेमन और अब्दुल कलाम के ज़नाज़े की शिरकत की मानिंद पलट जाएगा। मुस्लमान हो जाएंगे ९२. ५ करोड़ अर्थात ४८. २% और हिन्दू रह जाएंगे ९०. २ करोड़ - ४६. ९% और ईसाई ९. ५ करोड़ -४. ९ % .
२०५० तक दारुल इस्लाम का जेहादी चेहरा आईने की माफिक साफ़ हो जाएगा …मुस्लिम १८९. ६२ करोड़ अर्थात ६३. ८ % हिन्दू रह जाएंगे ९५. ७ करोड़ महज़ 32.२% और ईसाई १२ करोड़ ४% बाकि की कसर शरिया और जज़िया के कैहर पूरी कर देंगे जैसे पाकिस्तान में हिन्दू २४% से घट कर १% पर सिमट गए हैं और अपने ही कश्मीर में मुसलमान ९७% हो गए हैं ....
इस विनाश कारी हालात के लिए दारुल इस्लाम के जेहाद से भी अधिक योगदान गांधी/नेहरू की सिक्कुलर शैतानी नीतियों और नियतियों का रहा है … आज विश्व में सब से अधिक ३ लाख मस्जिदें और १२०,००० मदरसे देश में सरकारी सहायता पर फलफूल रहे हैं जहाँ , जेहादी मनोवृति के विषधर तैयार किये जाते हैं
एल आर गांधी
३० जुलाई २०१५ देश के इतिहास में एक 'संधिकाल ' के रूप में याद किया जाएगा।
आज ही के दिन महान देश भक्त वैज्ञानिक पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी का अंतिम संस्कार हुआ और पूरे देश ने उन्हें अर्शु पूर्ण श्रद्धांजलि दी ....... दूसरी और १९९३ के मुंबई धमाकों के मास्टर माइंड याकूब मेमन को भी फांसी और सपुर्दे -ख़ाक किया गया … हज़ारों दीनदारों ने इस ७२ हूरों के तलबगार जेहादी के ज़नाज़े के जुलूस में शिरकत कर साफ़ कर दिया कि इस्लाम और शरीयत में अक़ीदा रखने वाले सिर्फ अपने दीन से बाव्फ़ा हैं .... राष्ट्र भक्ति उनके लिए बेमानी हैं .... दारुल इस्लाम ही उनका अंतिम लक्ष्य है।
इतिहास की दिवार पर साफ़ साफ़ लिखा है …… हिंदुस्तान का मुस्तक़बिल ! … पाकिस्तान, बांग्लादेश , अफगानिस्तान ,ईरान , ईराक मियांमार … काश्मीर …… ' आइना देखिये '
बंटवारे के वक्त भारत में हिन्दू ३३ करोड़ ९०% , मुस्लिम ३ करोड़ ८% और ईसाई ०.७ करोड़ २% थे जो अब
हिन्दू ८२ करोड़ ७३. ९ % और मुसलमान २५ करोड़ २२. ५ % हैं बाकि अन्य। प्रति वर्ष ग्रोथ रेट है हिन्दू
४. ०७% , मुस्लिम १३. ७ % और ईसाई ३. ६% .
२०३५ आते आते यह अनुपात याकूब मेमन और अब्दुल कलाम के ज़नाज़े की शिरकत की मानिंद पलट जाएगा। मुस्लमान हो जाएंगे ९२. ५ करोड़ अर्थात ४८. २% और हिन्दू रह जाएंगे ९०. २ करोड़ - ४६. ९% और ईसाई ९. ५ करोड़ -४. ९ % .
२०५० तक दारुल इस्लाम का जेहादी चेहरा आईने की माफिक साफ़ हो जाएगा …मुस्लिम १८९. ६२ करोड़ अर्थात ६३. ८ % हिन्दू रह जाएंगे ९५. ७ करोड़ महज़ 32.२% और ईसाई १२ करोड़ ४% बाकि की कसर शरिया और जज़िया के कैहर पूरी कर देंगे जैसे पाकिस्तान में हिन्दू २४% से घट कर १% पर सिमट गए हैं और अपने ही कश्मीर में मुसलमान ९७% हो गए हैं ....
इस विनाश कारी हालात के लिए दारुल इस्लाम के जेहाद से भी अधिक योगदान गांधी/नेहरू की सिक्कुलर शैतानी नीतियों और नियतियों का रहा है … आज विश्व में सब से अधिक ३ लाख मस्जिदें और १२०,००० मदरसे देश में सरकारी सहायता पर फलफूल रहे हैं जहाँ , जेहादी मनोवृति के विषधर तैयार किये जाते हैं
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