हूक ………
दुखी मन मेरे ,सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैना ,वहां नहीं रहना
प्यार में धोखा खाए …दुनिया के सताए एक बेबस प्रेमी के हृदय की हूक ही तो है।
चैन ही तो नहीं है .... कोई बेचैन मुफलिसी से तो कोई अमीरी से … गरीब बेचैन है कि कैसे गुज़र होगी और अमीर .... कब सबसे अमीर हो जाएंगे ? एक हृदय की हूक तो दूसरी अहम की हूक।
भूख की हूक … पेट को सताती है तो पैसे की भूख मन को आहत कर जाती है .... एक कचरा बीनने वाला उदास है कि आज कल से कम जुटा पाया हूँ तो एक अमीर गहरी सोच में है कि शेयर सूचकांक इतना क्यों खिसक गया।
इक मस्ती की हूक भी है .... जिसने हूक के मायने ही बदल कर रख दिए …।
वाह रे ग़ालिब तेरी फाका मस्तियाँ
वोह खाना सूखे टुकड़े भिगो कर शराब में
दुखी मन मेरे ,सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैना ,वहां नहीं रहना
प्यार में धोखा खाए …दुनिया के सताए एक बेबस प्रेमी के हृदय की हूक ही तो है।
चैन ही तो नहीं है .... कोई बेचैन मुफलिसी से तो कोई अमीरी से … गरीब बेचैन है कि कैसे गुज़र होगी और अमीर .... कब सबसे अमीर हो जाएंगे ? एक हृदय की हूक तो दूसरी अहम की हूक।
भूख की हूक … पेट को सताती है तो पैसे की भूख मन को आहत कर जाती है .... एक कचरा बीनने वाला उदास है कि आज कल से कम जुटा पाया हूँ तो एक अमीर गहरी सोच में है कि शेयर सूचकांक इतना क्यों खिसक गया।
इक मस्ती की हूक भी है .... जिसने हूक के मायने ही बदल कर रख दिए …।
वाह रे ग़ालिब तेरी फाका मस्तियाँ
वोह खाना सूखे टुकड़े भिगो कर शराब में
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