सोमवार, 30 अप्रैल 2012

रानी को कौन कहे कि अग्गा ढक


रानी को कौन कहे कि अग्गा ढक 
एल.आर.गाँधी 
महामहिम अपनी  २३वी विदेश यात्रा के साथ अपनी अंतिम घुमक्कड़ जिज्ञ्यासा पूरी कर लेंगी और इसके साथ ही राष्ट्राध्यक्षों में सबसे अधिक विदेश यात्रु महामहिम का कीर्तिमान अपने नाम कर लेंगी . महामहिम पर अब तक करीबन २०६ करोड़ रूपए, इस घुमाकड़ जिज्ञासा को पूरे करने पर सरकार के खर्च आये. 
राजमाता के मित्त्व्ययता के आदेशों की पलना करते हुए विदेश मंत्रालय ने २५ मंत्रियों और प्रधान मंत्रियों  के ३९ विदेश दौरों पर रोक लगा दी . फिर भी राजमाता के खर्च में बचत के निर्देशों का आलम देखिये . वर्ष २०११-१२ में मंत्रियों के विदेशी दौरों के लिए बज़ट प्रावधान था मात्र ४६.९५ करोड़ ,फिर भी विदेशी दौरों पर करदाताओं का ४९९.८९ करोड़ रूपया उड़ा दिया गया. 
मगर  मित्त्वयायिता का उपदेश देने वाली विदेशी राजमाता के विदेशी दौरों पर खर्च हुए देशी कर दाताओं के खर्च का किसी को कोई अता- पाता नहीं है. राजमाता यू.पी.ए की अध्यक्ष और नाक (राष्ट्रीय सलाहकार परिषद्) की मुखिया और सांसद होने के नाते अक्सर विदेश यात्राओं पर उड़ जाती हैं मगर ....इनकी यात्राओं के सम्बन्ध में मांगी गई जानकारीओं  पर सरकार चुप्पी  साधे बैठी है. यहाँ तक की मुख्य चुनाव आयुक्त ने  पी.एम् को सोनिया जी की विदेश यात्राओं की जानकारी सार्वजनिक करने के लिए लिखित आदेश जारी किये . फिर भी सरकार का मौन नहीं टूटा. आर.टी.आई के जवाब में सरकार का यह तर्क की सरकार के किसी भी विभाग के पर राजमाता के विदेशी दौरों और उन पर आए सरकारी खर्च का कोई रिकार्ड नहीं. बात   किसी को भी कुछ हजम नहीं होती.. यह तो कुछ ऐसे ही उस पंजाबी कहावत जैसा हो गया की 'रानी को कौन कहवे की अग्गा ढक ' ! 
शायद यहाँ भी राजमाता की निजता और सुरक्षा दांव पर है.   

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